40 माह से बिना मानदेय काम कर रहे प्रेरक
कलक्ट्रेट में प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, कहा, अब बगैर भुगतान काम करना संभव नहीं।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। 40 माह का वक्त बीतने के बावजूद प्रेरकों को उनका मानदेय नहीं मिला है। सरकारी आश्वासन से उकता चुके प्रेरकों ने अब प्रधानमंत्री से मदद की गुहार की है।
आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रेरक सोमवार को कलक्ट्रेट पर पहुंचे। प्रदेश प्रभारी जयपाल ¨सह ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें साक्षर भारत अभियान की जिम्मेदारी सौंपी है। वर्ष 2010 में उन्हें नियुक्त किया गया था। उस समय दो हजार रुपये मानदेय निर्धारित किया गया था। बाद में सरकार ने प्रेरकों की जिम्मेदारी उठाने से ही पल्ला झाड़ लिया। लगभग साढे़ तीन वर्ष का लंबा समय बीत चुका है। प्रेरकों के खातों में मानदेय के नाम पर धेला भी नहीं भेजा गया।
प्रदेश महामंत्री ब्रह्मपाल ¨सह का कहना है कि सरकारी अनदेखी के कारण जिले के लगभग 867 प्रेरक भुखमरी की कगार पर जा पहुंचे हैं। परिवार पालने तक के लिए रुपये नहीं हैं। न तो बच्चों की फीस भर पा रहे हैं और न ही मकान का किराया दे पा रहे हैं। उल्टा बीएलओ की जिम्मेदारी भी अधिकारियों ने जबरन थोप दी है। परेशान प्रेरकों ने उप जिलाधिकारी अशोक कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर मानदेय उपलब्ध कराने की मांग की है।
मांग करने वालों में ब्रजेश कुमार, विजय ¨सह, मिथलेश कुमारी, रामप्रकाश, कुसुम राजपूत, जयवीर, दिनेश चंद्र, रामबाबू, संजीव कुमार, प्रदीप ¨सह आदि मौजूद थे।