30 शैय्या अस्पताल को उद्घाटन का इंतजार
सीएचसी कुचेला पर डाक्टर और दवाएं हैं लेकिन अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीन नहीं हैं। इस कारण मरीजों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है।
संवाद सूत्र, दन्नाहार, मैनपुरी: ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा कर चल रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुचेला पर डाक्टर हैं, दवा है, लेकिन अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन नहीं है। ऐसे में मरीजों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है। वहीं सीएचसी परिसर में एक साल पहले बनकर तैयार 30 शैय्या अस्पताल अब तक शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में मरीज सीएचसी में उपलब्ध बेड पर ही निर्भर हैं।
शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे जागरण टीम ने दन्नाहार क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुचेला का जायजा लिया। यहां चिकित्सा अधीक्षक पपेन्द्र कुमार आशाओं को कोरोना संबंधी प्रशिक्षण दे रहे थे। सीएचसी में स्टाफ नर्स आशू यादव एक गर्भवती महिला को परामर्श दे रही थी। महिला को अस्पताल में ही भर्ती कराया गया। दूसरी नर्स पूनम द्वारा कोरोना की जांच की जा रही थी। इस बीच सुरजीत निवासी रठेरा ,नीलम निवासी दिवरौली, यशपाल निवासी कुचैला, जय प्रकाश व खिलाड़ी निवासी बरौली उपचार के लिए पहुंचे। सभी को जांच के बाद दवाएं उपलब्ध कराई गई। फार्मासिस्ट दिनेश मिश्रा ने बताया कि दवाएं पर्याप्त मात्रा में हैं। केंद्र पर कोविड, हीमोग्लोबिन, एचआइवी, मलेरिया आदि की जांच की सुविधा उपलब्ध है। एक्सरे व अल्ट्रासाउंड के लिये मरीजों को जिला अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है।
सीएचसी परिसर में एक साल पहले बने 30 शैय्या अस्पताल के संबंध में बताया गया कि वह अब तक शुरू नहीं हुआ है। अस्पताल का भवन बनकर तैयार है, परंतु अभी पूरे बेड नहीं लगे हैं। भवन परिसर को कोरोना की जांच आदि के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि जागरण टीम जब पहुंची तो यहां बना कोविड रजिस्ट्रेशन वाला काउंटर सूना पड़ा था। आयुष चिकित्सक संग मरीज देखते चिकित्सा अधीक्षक
चिकित्सा अधीक्षण डा. पपेंद्र कुमार ने बताया कि सीएचसी पर उनके साथ पर्याप्त स्टाफ की तैनाती है। परंतु वर्तमान में डा. गजेन्द्र पाल और डा. पवन गुप्ता की ड्यूटी जिला मुख्यालय स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में लगी हुई है। वहीं महिला चिकित्सक डा. छुटकी की तैनाती भोगांव स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में चल रही है। सामान्य मरीजों को डा. पपेंद्र कुमार और आयुष चिकित्सक विवेक यादव देखते हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं की जांच का जिम्मा स्टाफ नर्स आशू यादव व नेहा यादव संभाल रही हैं। प्रतिदिन आते 15-20 मरीज
सीएचसी में 15 मई से ओपीडी शुरू हुई है। कोरोना संक्रमण के दौरान ओपीडी बंद कर दी गई थी। वर्तमान में उपचार के लिए प्रतिदिन 15 से 20 मरीज पहुंचते हैं। इनमें से गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। हालांकि ओपीडी बंद रहने के दौरान भी मरीज आते थे और उनको उपचार दिया जाता था। --------------
सीएचसी पर आने वाले प्रत्येक मरीज को उचित उपचार देने का प्रयास किया जाता है। संसाधनों को अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। 30 शैय्या अस्पताल को जल्द शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डा. पपेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी कुचैला सीएचसी कुचैला पर 30 शैय्या अस्पताल को लेकर जल्द कार्रवाई पूरी की जाएगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अन्य सुविधाएं बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
डा. एके पांडेय, सीएमओ