बड़ा मुकाम हासिल कर देश का नाम कर रहे हैं रोशन
संवाद सहयोगी चरखारी (महोबा) परदेश में रहते हुए भी खालिद देश का नाम रोशन कर रह
संवाद सहयोगी, चरखारी (महोबा): परदेश में रहते हुए भी खालिद देश का नाम रोशन कर रहे हैं। अमेरिका में रक्षा मंत्रालय में इंजीनियर पद वह पिछले करीब पचीस साल से सेवा दे रहे हैं। इनके तीन अन्य भाई भी अमेरिका में ही रह रहे हैं। देश की बढ़ती शान से वह खुश हैं। चरखारी में रह रहे इनके बड़े भाई ने बताया कि दो-तीन साल में पूरा परिवार कस्बा में एकत्र जरूर होता है। परदेश में रहते हुए भी देश की मिट्टी की खुशबू भुलाए नहीं भूलती।
महोबा जनपद के कस्बा चरखारी के वरिष्ठ अधिवक्ता रहे स्व. गुलाम हसनैन अल्वी के पांच बेटों में चार पुत्र यूएसए अमेरिका में अनिवासी भारतीय हैं। सबसे पहले बड़े भाई इरफान ने प्राथमिक शिक्षा कस्बा से प्राप्त करके अलीगढ़ मुस्लिम विवि से इंजीनियरिग करके नोएडा में नौकरी करने लगे। वर्ष 1986 में यह यूएसए चले गए। वहां इंडियाना स्टेट में एक कंपनी में इंजीनियर हैं। इसके बाद खालिद अलीगढ़ से इंजीनियरिग करके अमेरिका रक्षा मंत्रालय में इंजीनियर पद पर चयनित हो गए। इन्होंने मां जरीना को भी वहीं बुला लिया। बाद में इनके दोनों भाई आसिफ, तारिख को भी वहीं बुला लिया। इनके बड़े भाई चरखारी कस्बा निवासी सिकंदर कहते हैं कि वह भी एक साल लीविया में रह चुके हैं। कस्बा में घर की देखभाल के लिए वह यहीं रहना पसंद करते हैं। चारों भाई व मां साल दो साल में यहां आते हैं। वह बातचीत के दौरान अपने देश व बुंदेलखंड की तारीफ करते नहीं थकते। देश का बढ़ा रहे गौरव
सबसे बड़े भाई सिकंदर एक संस्मरण सुनाते हुए कहते हैं कि एक बार खालिद अपने बच्चों के स्कूल में गए थे। वहां अभिभावकों को बुलाया गया था। जब उनसे पूछा गया कि वह अपने देश हिन्दुस्तान से यहां तक कैसे पहुंचे। इस पर उन्होंने वहां बच्चों से कहा था कि आप लोग तो इतनी अच्छी सुविधाओं के साथ पढ़ाई कर रहे हो, हम लोगों के यहां गांवों में अभी भी टाट पट्टी में बैठ कर पढ़ाई होती है। वहां से पढ़ाई करके हम अमेरिका में आकर ऊंचे पद पर नौकरी करते हुए अपने देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।