प्राचीन धरोहरों की बदलेगी सूरत, लखनऊ की टीम ने किया सर्वे
जागरण संवाददाता महोबा वीरभूमि में चंदेलकालीन धरोहरों को संजोने के प्रति सीएम ने गंभीरता
जागरण संवाददाता, महोबा: वीरभूमि में चंदेलकालीन धरोहरों को संजोने के प्रति सीएम ने गंभीरता दिखाई है। पिछले दिनों सदर विधायक और इसके बाद प्रशासन की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के बाद शासन की पहल पर एक टीम ने आकर यहां की प्राचीन धरोहरों का सर्वे किया। इसकी रिपोर्ट शासन को दी गई है। इसी के आधार पर बजट तय होगा और काम चालू हो सकेगा।
महोबा में चंदेलकालीन धरोहरों के साथ यहां गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोरखगिरि दर्शनीय स्थल हैं। करीब दो हजार फीट की ऊंचाई पर इस रमणीय स्थल की महिमा जान कर ही सीएम ने संज्ञान लिया है। एक माह पहले सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने इस संबंध में एक पत्र लखनऊ जाकर सीएम को दिया था। यहां होने वाले कार्यों की सूची भी दी थी। इस पर सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था। डीएम ने लिखा था पत्र
15 दिन पहले डीएम सत्येंद्र कुमार ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर यहां की जानकारी दी थी। डीएम ने बताया कि प्रस्ताव पहले से ही तैयार कर लिए गए थे। कीरतसागर, मदनसागर पर काम काफी हद तक हो भी चुका है। गोरखगिरि पर काम कराने को लेकर ही टीम ने सर्वे किया है। इसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद जल्द ही काम चालू होगा।
तैयार हुई रिपोर्ट
लखनऊ से नोड अर्बन कंपनी से आए आर्किटेक्ट राहुल जादौन ने बताया कि उन्होंने महोबा शहर के साथ बेलाताल, चरखारी आदि का भ्रमण कर वहां के प्राचीन स्थलों का सर्वे किया है। गोरखगिरि का सर्वे करते हुए बताया कि यहां शेड, सीढि़यां तथा सोलर लाइट आदि का काम होना है। सिद्धबाबा का भव्य मंदिर तैयार करने का भी प्रस्ताव है। इसी तरह अन्य स्थलों पर जहां-जहां जो काम होना है उसकी रिपोर्ट बनाई गई है।
50 लाख का प्रस्ताव और तैयार किया
गोरखगिरि में काम कराने को लेकर पहले पचास लाख का बजट स्वीकृत हुआ था। अब पर्यटन विभाग की ओर से भी 50 लाख का अतिरिक्त प्रस्ताव तैयार किया गया है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह ने बताया कि इसकी स्वीकृति मिलते ही गोरखगिरि पर काम प्रारंभ हो सकेगा।