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अस्पतालों में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की बनेगी पॉलिसी

ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक मरीजों को अधिक देते, एलएलआर में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक का जुटाया जा रहा ह डाटा

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 05:27 PM (IST)
अस्पतालों में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की बनेगी पॉलिसी
अस्पतालों में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की बनेगी पॉलिसी

जागरण संवाददाता, कानपुर : देशभर में एंटीबायोटिक का अधाधुंध इस्तेमाल घातक होता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों के झोलाछाप से लेकर चिकित्सक तक अपने फायदे के लिए खांसी-बुखार के मरीजों को हाई एंटीबायोटिक देने लगते हैं। नतीजतन बैक्टीरिया उसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता (रेसिस्टेंट) विकसित कर लेते हैं। विकराल होती समस्या को देखते हुए दिल्ली में वर्कशॉप हुई। इसमें अस्पतालों में एंटीबायोटिक इस्तेमाल की पॉलिसी बनाने का निर्णय हुआ। एलएलआर में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक का डाटा जुटाया जा रहा है।

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देशभर में मरीजों की कटेगरी एवं गंभीरता के हिसाब से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसकी वजह से उच्चस्तरीय एंटीबायोटिक भी बैक्टीरिया पर बेअसर साबित हो रही है। इसकी मॉनीट¨रग के लिए जीएसवीएम समेत देश के चुनिंदा संस्थानों की माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब में एंटीमाइक्रोबाएल सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है, जिसके माध्यम से अस्पतालों के ओपीडी, इनडोर, आइसीयू तथा एनआइसीयू में भर्ती मरीजों के रक्त, यूरीन, बलगम एवं पस के नमूने की कल्चर जांच कर उस पर विभिन्न एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर असर देखा जाता है। इसकी पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन आइसीएमआर मुख्यालय दिल्ली भेजी जाती है, ताकि पता चल सके देश के किस क्षेत्र में कौन सा बैक्टीरिया सक्रिय है। उस पर कौन से एंटीबायोटिक कारगर है। देशभर से मिले आंकड़े चौकाने वाले थे। हाई एंटीबायोटिक दवाओं भी रेसिस्टेंट पाई गई। इसकी गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से केंद्र सरकार ने दिल्ली में नेशनल वर्कशॉप ऑन सर्विलांस ऑफ एंटीबायोटिक कंजम्शन इन हेल्थ केयर आयोजित की। इसमें एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से रेसिस्टेंट पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई। विशेषज्ञों ने अस्पतालों में एंटीबायोटिक इस्तेमाल की पालिसी बनाने को देशभर के अस्पतालों से एंटीबायोटिक का डाटा मांगा गया है। इस कार्यशाला में जीएसवीएम के माइक्रोबायोलाजिस्ट भी शामिल हुए।

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एंटी बायोटिक का बेजा इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है, जो घातक है। इसलिए दिल्ली में हुई कार्यशाला में एंटीबायोटिक इस्तेमाल की पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया है। इसे लेकर एलएलआर अस्पताल में एंटीबायोटिक का डाटा तैयार किया जा रहा है।

-डॉ. विकास मिश्र, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज


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