अपनी बदहाली पर कराहता 'मैं नेहरू पार्क'
जागरण संवाददाता, महोबा : मैं नेहरू पार्क हूं। कभी मेरी दहलीज पर छोटे-छोटे बच्चे खेलने आ
जागरण संवाददाता, महोबा : मैं नेहरू पार्क हूं। कभी मेरी दहलीज पर छोटे-छोटे बच्चे खेलने आते थे, तो उनकी किलकारियां सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहता था। परिवार सहित लोग मेरे सौंदर्य का दीदार करते थे, इससे मेरी रौनक में चार चांद लग जाते थे। धीरे-धीरे मैं प्रशासनिक और पालिका प्रबंधन की अनदेखी का शिकार हुआ। अब मैं वीरान हो गया हूं ,सभी ने मुझसे मुंह सा मोड़ लिया है। बच्चे और उनके परिवार के लोग भी नहीं आते। पालिकाध्यक्षों ने भी मेरे जख्म पर मरहम लगाने की सुध नहीं ली। अपनी उपेक्षा से आज में बदहाल हूं। इस बार नई पालिकाध्यक्ष बनी हैं, उम्मीद है कि वह मेरे प्राकृतिक सौंदर्य को फिर से लौटाएंगी। यह कराह है शहर के नेहरू पार्क की। कमोवेश यही स्थिति शहर के विजय सागर पक्षी बिहार की है। यहां पर्यटन की दृष्टि की असीम संभावनाओं के बाद भी पार्क, मठों, ऐतिहासिक स्थलों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यदि शासन- प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो महोबा को 'गेटवे आफ खजुराहो' बनने में कोई देर न लगेगी। फिलवक्त धरोहरें वीरान है और जिम्मेदार खामोश..।
वर्ष 1989 में तत्कालीन चेयरमैन ने कराया था निर्माण
महोबा : वर्ष 1989 में नगर पालिका के तत्कालीन चेयरमैन सचीश चंद्र सक्सेना उर्फ बती बाबू ने मदनसागर सरोवर के तट पर इस पार्क का निर्माण कराया था। तब यहां सुबह शाम परिवार सहित लोग दिनभर की थकान मिटाने और सुकून ढूंढ़ने के लिए पहुंचते थे। लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। हाल बदहाल है। देखरेख के अभाव में पार्क बुरी तरह बदहाल हो चुका है और यहां के गेट, झूले आदि भी उखड़ चुके है। यह पार्क अब शराबियों जुआरियों व आवारा जानवरों का अड्डा बन गया है। कई बार स्थानीय स्तर पर इस पार्क को फिर से जीवंत करने की मांग की गई लेकिन किसी ने इस ओर अभी तक ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। महोबा शहर में ही विजय सागर पक्षी बिहार की भी स्थिति ठीक ऐसी ही है, जो अनदेखी से बदहाल है।
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नगर पालिका नए पार्क बनवाने के लिए प्रयासरत है। जमीन मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। नेहरू पार्क में काम शुरू किया गया था लेकिन पुरातत्व विभाग ने रोड़ा अटका दिया। पुरातत्व विभाग यदि सहमति देता है तो इस पार्क का कायाकल्प कराने में पालिका को कोई परेशानी नहीं है। पार्क का खोया वैभव लौटाया जाएगा।
- दिलासा सौरभ तिवारी, नगर पालिकाध्यक्ष