सांसद जी! इलाज मिलने तक तो जान चली जाती है
जागरण संवाददाता, महोबा: सरकार भले पिछड़े गांवों तक स्वास्थ्य सुविधा देने के बात करे, लेकिन हक
जागरण संवाददाता, महोबा: सरकार भले पिछड़े गांवों तक स्वास्थ्य सुविधा देने के बात करे, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। आज भी गांवों में इलाज झोलाछाप के भरोसे है, जो जेब तो लूटते ही हैं, अकसर जान भी ले लेते हैं। जिले में सांसद द्वारा गोद लिये गांव पिपरामाफ की ही बात करें तो यहां स्वास्थ्य सेवा 18 किमी और 30 किमी दूर है। लोग लंबे समय से एक अस्पताल की मांग कर रहे हैं, सांसद ने आश्वासन भी दिया था पर कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टर ही नहीं हैं तो अस्पताल का प्रस्ताव बनाकर क्या होगा।
आठ हजार आबादी वाला इस गांव में मात्र एक स्वास्थ्य सेवा के नाम पर एक उप केंद्र है, जहां एएनएम आती हैं। टीकाकरण आदि होता है। गांव वालों का कहना है कि सांसद द्वारा गोद लेने के बाद गांव में काफी काम हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य सेवा उनके लिये मुसीबत बनी है। यहां के लोग झोलाछाप के खतरनाक इलाज पर निर्भर हैं। जहां लोगों की जेब तो कटती है, कई बार जान चली जाती है। लंबे समय से अस्पताल की मांग पर गोद लेने के दौरान सांसद ने आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इसका प्रस्ताव तक नहीं बना।
श्रीनगर व नौगांव जाने की मजबूरी
समाज सेवी जनक ¨सह परिहार, हर्षवर्धन, अंगद बताते है कि किसी के बीमार होने पर या तो 18 किमी दूर श्रीनगर या फिर 30 किमी दूर मध्य प्रदेश के नौगांव जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर रोगियों व प्रसूताओं को होती है।
उपकेंद्र का भवन भी खतरनाक
यह केंद्र भी जीर्णशीर्ण हो चुका है। यहां बैठने में भी डर लगता है। हालांकि काम कराया जा रहा है
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..जनपद में डॉक्टरों की पहले से ही कमी है। जिला अस्पताल ही इससे जूझ रहा है। इसी लिए किसी नये अस्पताल का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। केवल भवन खड़ा करने से कुछ नहीं होने वाला है।
डा. सुमन, सीएमओ