मकान की दीवार गिरी, मजदूर की मलबे में दबकर मौत
संवाद सहयोगी चरखारी (महोबा) मकान में काम करते समय कच्ची दीवार गिरने से उसके मलबे में दब
संवाद सहयोगी, चरखारी (महोबा): मकान में काम करते समय कच्ची दीवार गिरने से उसके मलबे में दबकर एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया।
कस्बा के मुहाल सोहरयाव निवासी 45 वर्षीय राम स्वरूप मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। मजदूरी करने के लिए कस्बे के छैलबिहारी मोहाल में बुंदेला के यहां गया था। मकान की कच्ची दीवार गिराते समय राम स्वरूप और 30 वर्षीय महेंद्र मलबे के नीचे दब गए। वहां मौजूद लोगों की मदद से गृह स्वामी ने दोनों को बाहर निकलवाया। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां गंभीर हालत होने पर रामस्वरूप को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार में उसकी एक पुत्री, तीन पुत्र हैं। करीब डेढ़ बीघा खेती है। चार बच्चों में सबसे बड़े पुत्र की उम्र 13 वर्ष बब्लू की है। पुत्री अनीता 11 वर्ष है और भूरा नौ, अनिल आठ वर्ष का है। इनके पालन पोषण करने की जिम्मेदारी मां सोभारानी पर आ गई है। पत्नी ममता का रो-रोकर बुरा हाल है।
विवाहिता ने फंदा लगाकर जान दी
संवाद सूत्र, खन्ना (महोबा): विवाहिता ने घर में उस समय फांसी का फंदा लगा लिया जब घर के सभी लोग काम से बाहर गए थे। वापस आने पर कमरा बंद होने के कारण दरवाजा तोड़ कर देखा गया तो युवती फंदे से लटकी मिली। स्वजन ने बताया कि बहू से एक दिन पहले कहासुनी हो गई थी। हो सकता हो इसी से नाराज होकर उसने फंदा लगाकर जान दे दी।
थाना क्षेत्र के कुलकुआं निवासी मुल्लू कुशवाहा ने थाने में लिखित प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसके चार पुत्र हैं। बताया कि सबसे छोटी बहू पूजा पत्नी अवधेश ने मंगलवार को दोपहर के समय सूना घर पाकर बंद कमरे में रस्सी का फंदा डालकर खुदकुशी कर ली। पुत्र अवधेश की शादी एक वर्ष पूर्व कस्बा कबरई में हुई थी। जिसके अभी कोई संतान नहीं है। बताया कि बहू से घर में एक दिन पहले खाना बनाने को लेकर कहासुनी हुई थी। हो सकता है इसी के कारण नाराज होकर उसने यह कदम उठा लिया। बताया कि मंगलवार सुबह सभी लोग खेत पर काम करने चले गए थे। इधर कमरा बंद कर बहू ने फंदा लगा कर जान दे दी। वापस आने पर कमरा बंद मिला तो शंका हुई। दरवाजा तोड़ कर उसका शव नीचे उतारा गया। उक्त घटना की सूचना पाकर वरिष्ठ एसआइ महेंद्र सिंह भदौरिया पहुंचे। ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा भरा गया।