हार्ट अटैक से हुई थी कैदी की मौत
जागरण संवाददाता, महोबा : मुख्यालय के उपकारागार में हुई कैदी की मौत के मामले में जांच क
जागरण संवाददाता, महोबा : मुख्यालय के उपकारागार में हुई कैदी की मौत के मामले में जांच करने आए डीआइजी जेल ने जेल प्रशासन को क्लीन चिट दिया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट है कि कैदी की मौत हार्ट अटैक से हुई है। उन्होंने सुरक्षा गार्डों की कमी से इलाज में कुछ लापरवाही की बात स्वीकारी।
उपकारागार में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी भूप¨सह राजपूत की बुधवार को संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी। परिजनों ने जाम लगाकर जेलर पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। सदर विधायक राकेश गोस्वामी के हस्तक्षेप से एडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी और इसके बाद परिजनों के शांत होने पर शव को पीएम के लिए भेजा गया था। कैदी की मौत का प्रकरण उच्चाधिकारियों ने संज्ञान में लिया और गुरुवार को आईजी के निर्देश पर डीआइजी जेल बीआर वर्मा ने उपकारागार आकर पड़ताल की। वह यहां करीब 4 घंटे तक रुके और बंदियों व कैदियों की बैरकों में जाकर उनसे पूछताछ की। डीआईजी ने बताया कि 7:42 बजे कैदी भूप¨सह खुद चलकर अस्पताल आया था। इसके बाद 8:45 बजे बेहोशी की हालत में उसे स्ट्रेचर से बाहर लाकर जिला अस्पताल लाया गया था। जिसकी पुष्टि उप कारागार में लगे सीसीटीवी कैमरे से होती है। डीआइजी ने स्वीकार किया कि इलाज में लापरवाही की गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा गार्ड समुचित न होने पर कैदियों व बंदियों का समुचित उपचार नहीं हो पाता। हर समय सुरक्षा के लिए गार्ड उपलब्ध कराने को लेकर एसपी को पत्र लिखा जाएगा। डीआइजी वर्मा ने बताया कि कैदी भूप¨सह की मौत हार्ट अटैक से होने की पुष्टि हुई है। हालांकि एडीएम के नेतृत्व में एक टीम जांच कर रही है। इसके बाद और वास्तविकता सामने आ जाएगी। इस दौरान जेलर भोलानाथ मिश्रा भी मौजूद रहे।