महोबा में फिर गिरे ओले, 90 प्रतिशत तक फसल बर्बाद
जागरण संवाददाता महोबा जिले में लगातार दूसरे दिन भी कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। लाही
जागरण संवाददाता, महोबा : जिले में लगातार दूसरे दिन भी कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। लाही, चना, मटर की फसल को 90 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। ओला गिरने से पेड़ पर रात के समय बसेरा लिए पक्षियों की जान पर बन आई। सुबह के समय पेड़ों के नीचे काफी संख्या में गौरैया तथा अन्य पक्षियों के शव मिले। डीएम मनोज कुमार ने सभी तहसील क्षेत्रों में टीम लगा कर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान परेशान न हों, फसलों के नुकसान का पूरा मुआवजा मिलेगा। जिला कृषि विभाग के अनुसार शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि में 40 से 70 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचा है। जिले में अब तक साठ मिमी तक बारिश हो चुकी है।
मुख्यालय में शनिवार रात को चने के आकार का ओला गिरा। इससे कई वाहनों के शीशे टूट गए। वहीं कोतवाली क्षेत्र के ही पिपरामाफ में सबसे अधिक ओला गिरा। यहां के हर्ष रिछारिया ने कहा कि छह बीघा जमीन में मसूर, लाही, चना पूरी तरह से बर्बाद हो गया। पिपरामाफ में अधिक बड़ा और ज्यादा ओला गिरे। इसके अलावा ननौरा, उरवारा, अतरारमाफ, श्रीनगर, लुहेड़ी, हेलुआ, इमिलिया, कबरई क्षेत्र में भी ओला गिरा। वहीं बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है। इससे फसलों के सड़ जाने का खतरा बढ़ने लगा है। इसी तरह कुलपहाड़, बेलाताल, महोबकंठ, अनजर क्षेत्र के साथ चरखारी क्षेत्र के गांवों में भी ओला गिरा। यहां भी करीब 80 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचा है। डीएम ने संबंधित एसडीएम को निर्देशित करके सभी क्षेत्रों में सर्वे कराने को कहा है।
जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसान जिन खेतों में पानी भर गया है वहां की मेड़ काट कर पानी बाहर निकलवाने की व्यवस्था करें, जैसे ही धूप निकले तो उसमें प्रत्येक एक बीघा में करीब पांच किलो यूरिया खाद का छिड़काव कर दें, इससे फसल नुकसान की संभावना कम होगी।