चार माह बाद भी किसान फसल बीमा दावा से वंचित
संवाद सूत्र, महोबकंठ (महोबा): फसल नष्ट होने पर सर्वे रिपोर्ट के बाद भी बीमा कंपनी द्वारा भुग
संवाद सूत्र, महोबकंठ (महोबा): फसल नष्ट होने पर सर्वे रिपोर्ट के बाद भी बीमा कंपनी द्वारा भुगतान न किए जाने से किसानों में रोष है। अधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगा कर थक चुके किसान अब उपभोक्ता फोरम जाने की कवायद कर रहे हैं।
केंद्र सरकार की योजना किसान फसल बीमा के तहत किसानों ने रवि फसल का बीमा करवाया था। जिला के कुछ गांवों में 12 फरवारी 2018 को भारी ओलावृष्टि से किसानों की पूरी फसल नष्ट हो गई थी। जिलाधिकारी ने स्वयं 13 फरवरी को निरीक्षण कर लेखपालों से जांच रिपोर्ट तलब की थी। महोबकंठ लेखपाल के अनुसार उन्होंने सौ फीसद नुकसान की रिपोर्ट अधिकारियों को दी थी।
बीमित किसानों ने कृषि विभाग व बीमा कंपनी के अधिकारियों को फसल बीमा योजना के कागजात भी उपलब्ध करा दिए थे। कुछ गांवों बीमा का दावा भेज दिया गया और कई गावों के किसान दावे से वंचित रह गए।
इसी क्रम में महोबकंठ निवासी गोकुल प्रसाद ने बताया कि उन्होंने पूरी जमीन गाटा संख्या 493 क्षेत्रफल 4.86300 हेक्टेयर का फसल बीमा करवाया था। पूरी जमीन में गेहूं की बुवाई की थी, जो ओलावृष्टि में नष्ट हो गई थी। इसके बाद भी बीमा दावा अभी तक नहीं दिया गया। उनके साथ के ही किसानों चमर्रा निवासी धर्मजीत, ओम प्रकाश रिछारिया के खाता में भुगतान आ गया है। गोकुल प्रसाद ने 1076 पर मुख्यमंत्री से शिकायत कर फसल बीमा दावा दिलवाने की मांग की। जो पोर्टल पर भी संदर्भित है। इसके बाद भी वह भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं। गोकुल प्रसाद ने कहा कि अब यदि भुगतान नहीं मिलता है तो वह उपभोक्ता फोरम में जाने की तैयारी कर रहे हैं। मामले में जिला कृषि अधिकारी जी राम ने बताया कि किसानों का बीमा दावा कंपनी द्वारा भेजा जा चुका है, यदि दावा राशि अभी नहीं आई है तो वे कंपनी से जानकारी लेंगे।