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महोबा में तुलसी-अश्वगंधा से महकेंगे किसानों के खेत

जागरण संवाददाता महोबा सुगिरा के किसान जालिपा के पास दस बीघा जमीन है। अभी तक पांच बीघा

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 05:39 PM (IST)
महोबा में तुलसी-अश्वगंधा से महकेंगे किसानों के खेत
महोबा में तुलसी-अश्वगंधा से महकेंगे किसानों के खेत

जागरण संवाददाता, महोबा : सुगिरा के किसान जालिपा के पास दस बीघा जमीन है। अभी तक पांच बीघा जमीन तो उसकी सिचाई न होने के कारण परती ही पड़ी थी। पर उसने औद्यानिक मिशन से लाभ लेकर उस परती जमीन पर तुलसी, अश्वगंधा, एलोवेरा जैसी औषधीय फसल तैयार करने का फैसला किया है। उसके जैसे और भी किसानों को इस नए मिशन में जोड़ने के लिए कृषि विभाग और उद्यान विभाग अनुदान देकर प्रोत्साहित कर रहा है। किसानों को सिचाई के नए-नए सिस्टम भी सुझाए जा रहे हैं। आर्थिक तौर पर भी मदद मिलने से किसान इस ओर रुख करने लगे हैं।

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महोबा में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के पास जमीन की कमी नहीं है। कमी है तो किसानों को योजनाओं की सही जानकारी न होना। यही कारण है कि उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पाता। अब ऐसे किसानों को उनके दरवाजे-दरवाजे जाकर योजनाओं की सही जानकारी देने के निर्देश शासन स्तर से हुए हैं। सीडीओ आरएस गौतम ने बताया कि औषधीय खेती में सिचाई का भी अधिक झंझट नहीं है। किसानों को इस तरह की खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग को निर्देश दिए गए हैं।

उद्यान विभाग अधिकारी चौधरी सुलेमान खान ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। इस योजना के तहत जो सिचाई के संसाधन हैं उसमें पानी भी काफी कम लगता है। इसमें ड्रिप, स्प्रिंकलर, रेनगन यानी फव्वारा या प्राकृतिक वर्षा की तरह सिचाई की सुविधा मिलती है। इन नई सिचाई पद्धति का किसान लाभ ले रहे हैं। इन मशीनों की खरीद पर लघु किसानों को 90 फीसद तक अनुदान है। सीमांत किसानों को 80 फीसद अनुदान मिल रहा है। किसानों को राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन योजना में केला, पपीता और अमरूद का बाग लगाने पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही औषधीय मिशन योजना के तहत तुलसी, सतावर, अश्वगंधा आदि की खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ब्लाकवार किसानों की सूची तैयार हो रही है। अभी तक करीब डेढ़ सौ ऐसे किसानों को चिह्नित किया गया है। पनवाड़ी, श्रीनगर, बेलाताल क्षेत्र में किसान औषधीय खेती कर भी रहे हैं। किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।


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