मदरसों पर कार्रवाई की संस्तुति कर डीएम ने शासन को भेजा पत्र
जागरण संवाददाता महोबा शासन से बिना मान्यता प्राप्त और मनमाने ढंग से संचालित हो रहे मदरसों प
जागरण संवाददाता, महोबा : शासन से बिना मान्यता प्राप्त और मनमाने ढंग से संचालित हो रहे मदरसों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा है। डीएम सत्येंद्र कुमार ने इसकी संस्तुति करते हुए पत्र के माध्यम से जल्द दिशा निर्देश देने की मांग की है।
महोबा के प्रेमनगर में संचालित मदरसा जामिया इस्लामिया दारूल उलूम की जांच के बाद वहां मिली मनमानी और मौजूद मौलवी की ओर से कोई दस्तावेज न दिखा पाने और जांच टीम को देखकर संचालक के वहां से भाग निकलने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। जांच टीम ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने ताला बंद कमरों की चाभी मांगी तो स्टाफ ने देने से मना कर दिया और कहा कि वह मैनेजर अबूशाद के बाद है। मैनेजर अबूशाद बुलाने पर भी नहीं आया। कुछ छोटे बच्चे वहां मिले, जो घर जाने के इच्छुक थे लेकिन उन्हें जबरन रोका गया है। पढ़ाई का स्तर भी बेहतर नहीं मिला। सबसे बड़ी बात, जांच टीम ने फंडिग के विषय में पूछा और दस्तावेज मांगे तो उन्हें कोई कागज नहीं दिखाया गया।
जांच टीम से कहा गया कि प्राइवेट एक संस्था से मान्यता लिए हैं, लेकिन उसके भी कागज नहीं दिखाए। इसी के बाद जिले में शहर के साथ जैतपुर, चरखारी, सूपा, कुलपहाड़ में भी कई मदरसे बिना मान्यता के संचालित मिले हैं। इन सभी पर कार्रवाई की संस्तुति करते हुए डीएम ने शासन को पत्र लिखा है। इसमें जल्द ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है।
यह था मामला
बीते सोमवार को देर रात पिटाई के डर से जामिया इस्लामिया दारूल उलूम मदरसा से तीन बच्चे रोडवेज डिपो की बस से भाग निकले थे। जानकारी होने पर मदरसा के मौलवी ने बस के परिचालक को फोन कर उन बच्चों को दूसरी बस से महोबा वापस बुलवाया था। बयान के दौरान बच्चों ने बताया था कि तीनों बच्चे दोम (कक्षा दो) में पढ़ते हैं। पिटाई के कारण डरकर अपने घर बिहार के अररिया जिले के थाना भरगामा अंतर्गत जुरावरगंज जा रहे थे।
जिले में 13 बिना मान्यता के मदरसे संचालित मिले हैं। अन्य की तलाश की जा रही है। सभी पर कार्रवाई की संस्तुति करते हुए डीएम के निर्देश पर शासन को शुक्रवार को पत्र भेजा गया है।
- हिमांशु अग्रवाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी