चना-मटर क्रय केंद्र खुलने में देरी पर होगा बड़ा घाटा
जागरण संवाददाता महोबा जिले में किसानों को वैसे भी फायदा लेने का मौका बहुत कम आता है।
जागरण संवाददाता, महोबा : जिले में किसानों को वैसे भी फायदा लेने का मौका बहुत कम आता है। इस बार मौसम के साथ देने से किसान के पास मटर की पैदावार ठीक ठाक थी, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र नहीं खुलने से चना और मटर की खरीद अभी तक खुले बाजार में बिचौलिए ही कर रहे हैं। जिसका किसानों को लंबा नुकसान उठाना पड़ रहा है। फिलहाल खाद्य विपणन विभाग भी चुप्पी साधे हुए है।
बुंदेलखंड के किसानों के पास मटर-चना और मसूर आदि की फसलें ठीक हो जाती हैं। इस समय किसानों के पास मटर, चना-मसूर की उपज तैयार है। महोबा जिले में इस बार मटर उपज का आच्छादन लक्ष्य 39550 हेक्टेयर जमीन पर था। पैदावार को देख कर आंकड़े इससे बेहतर दिख रहे हैं। मसूर का आच्छादन लक्ष्य 34347 हेक्टेयर था। चना का आच्छादन लक्ष्य 70919 हेक्टेयर जमीन पर था। मौजूदा समय में गेहूं की फसल के साथ किसानों के पास मटर, चना और मसूर आदि की अधिकांश उपज तैयार रखी है। लेकिन अभी तक गेहूं को छोड़ कर अन्य किसी उपज के लिए सरकारी केंद्र नहीं खुले हैं। वैसे चना का सरकारी रेट 5100 रुपये है। इसकी बाजार में 4600 के करीब खरीद हो रही है। जब किसान के पास चना नहीं था तो यह दर 7500 के करीब थी। मटर का दाम अभी तक तय नहीं है। मसूर का दाम 5100 है। खुले बाजार में इससे कम पर खरीदी हो रही है। इस समय जौ बाजार में भरपूर आ रहा है। खुले बाजार में 12.80 के करीब है। जबकि सरकारी दर 1600 है। इधर खाद्य विपणन विभाग की ओर से कोई सही कदम न उठाए जाने से खरीद केंद्र खोलने को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसमें जितनी देरी हो रही है उसका नुकसान किसान को और फायदा बिचौलियों को होगा।
चना-मटर खरीद के लिए जिले में अभी तक सरकारी खरीद केंद्र खोलने के कोई आदेश नहीं मिले हैं, वैसे जिले में मटर की पैदावार ठीकठाक होती है।
- रामकृष्ण पांडेय, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, महोबा