बच्चों को सुपोषित बनाने में गाय का दूध बना संजीवनी
जासं महोबा पिछले साल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गाय देकर बच्चों के कुपोषण को खत्म करने क
जासं, महोबा : पिछले साल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गाय देकर बच्चों के कुपोषण को खत्म करने की योजना बनाई गई थी। कुपोषित बच्चों के माता-पिता को उनकी रुचि के अनुसार नजदीकी गोशाला से गाय भी दी गईं। कुपोषण से निजात दिलाने में यह गाय कई बच्चों के लिए संजीवनी साबित हुई हैं।
कबरई ब्लाक के सिलालपुर गांव के रहने वाले राम प्रसाद बताते हैं कि वह बेहद गरीब हैं। मजदूरी करते हैं और लाकडाउन के समय काम बंद हो गया। परिवार को अच्छा पोषण दे पाना संभव नहीं हो पा रहा था। दो वर्षीय बेटी अंशिका का वजन घट रहा था। यह पांच किलोग्राम हो गया। गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राकेश कुमारी ने बेटी के कुपोषित होने की बात बताई। फिर कुछ दिन बाद उसे गाय दी गई। उसकी बेटी की सेहत में सुधार आना शुरू हुआ। चार माह में उसकी बेटी का तीन किलो वजन बढ़ गया। अब वह बेटी आठ किलोग्राम की हो चुकी है और पूरी तरह स्वस्थ है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के जिला कार्यक्रम अधिकारी केसरी नंदन तिवारी ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा जनपद में कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को गाय दी गई थीं। बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), सुपरवाइजर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी थी। कुछ लाभार्थियों ने सरकार से मिली गायों का बेहतर इस्तेमाल करते हुए अपने बच्चों को कुपोषण से निजात दिला दी है। अन्य लाभार्थियों से भी इसका फालोअप लिया जा रहा है।