क्रशर कारोबारी मामले में एक और सिपाही पर भ्रष्टाचार का मुकदमा
कबरई प्रकरण -प्रतापगढ़ का निवासी आरोपित सिपाही वर्तमान में श्रावस्ती में तैनात -फरार आइपीए
कबरई प्रकरण
-प्रतापगढ़ का निवासी आरोपित सिपाही वर्तमान में श्रावस्ती में तैनात
-फरार आइपीएस मणिलाल पाटीदार को अभी तक नहीं पकड़ सकी पुलिस
जागरण संवाददाता, महोबा : कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत के मामले में एक और आरोपित सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन की लखनऊ इकाई ने महोबा सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही इसकी विवेचना शुरू की है। इससे पहले आरोपित बर्खास्त सिपाही अरुण यादव के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मुकदमा महोबा कोतवाली में दर्ज कराया जा चुका है।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ इकाई के निरीक्षक नुरुलहुदा ने सोमवार को सदर कोतवाली में प्रतापगढ़ जिले के सैफाबाद थानाक्षेत्र के सरडीह गांव के मूल निवासी सिपाही सूरज यादव (तत्कालीन आरक्षी पुलिस लाइन महोबा) पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। वर्तमान में आरोपित सिपाही सूरज श्रावस्ती जिले में पुलिस लाइन में तैनात है। निरीक्षक ने बताया कि 14 अक्टूबर, 2020 से आरक्षी सूरज यादव के विरुद्ध कबरई के व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत व आय से अधिक चल-अचल संपत्ति अर्जित किए जाने से संबंधित जांच की जा रही थी। जांच अवधि 11 जुलाई, 2018 से 14 अक्टूबर, 2020 में मिले साक्ष्यों से पता चला कि आरोपित की आय वेतन को मिला कर 7,52,675 है। वहीं, कुल व्यय धनराशि 9,92,214 है। इस तरह कुल आय से 2,39,330 रुपये अधिक खर्च किए गए। इससे साफ है कि आय से व्यय 31 प्रतिशत अधिक किया गया। महोबा सदर कोतवाली प्रभारी बलराम सिंह ने आरोपित सिपाही सूरज के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि की।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ के ट्रांसपोर्टर पीपी पांडेय ने जून 2020 में महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत की थी। कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने भी तत्कालीन एसपी व कई पुलिस कर्मियों पर जबरन वसूली के लिए धमकाने का सात सितंबर, 2020 को आरोप लगाया था। अगले दिन आठ सितंबर, 2020 को अपनी गाड़ी में गोली लगने से वह घायल मिले थे। बाद में उपचार दौरान 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी। दोनों प्रकरणों में फरार आइपीएस व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से जांच की जा रही है। उधर, पुलिस अभी तक फरार आइपीएस को नहीं पकड़ सकी है।