कोरोना ने बदली परंपरा, तेरहवीं भोज की जगह वृद्धाश्रम भेजी सामग्री
संस कुलपहाड़ (महोबा) कोरोना संक्रमण ने सदियों से चली आ रही तमाम सामाजिक परंपराओं क
संस, कुलपहाड़ (महोबा) : कोरोना संक्रमण ने सदियों से चली आ रही तमाम सामाजिक परंपराओं को बदल दिया है। कहीं शादी समारोह चार-पांच लोग में हो रहे हैं तो कहीं गले मिलने की परंपरा हाथ जोड़कर पूरी हो रही है। इसी में से एक परंपरा है मृत्यु के बाद भोज की। इस तेरहवीं संस्कार की परंपरा का भी अब स्वरूप बदलता दिख रहा है। कस्बा में इसी तरह के एक मामले में दिवंगत के स्वजन ने तेरहवीं संस्कार के समय भोज न करके सारी सामग्री वृद्धाश्रम में दान कर दी।
नगर के व्यवसायी संदीप अग्रवाल की मां कमला देवी का हाल ही में 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। संदीप ने मां की तेरहवीं पर कोरोना संक्रमण ने फैल जाए इसलिए मृत्यु भोज नहीं किया। उसके स्थान पर आटा, दाल, सब्जियां, तेल, मसाले, नमकीन आदि खाद्य सामग्री को लेकर महोबा में वृद्धाश्रम पहुंचा दिया। साथ ही उन्होंने ब्राह्मण भोज को घर पर कराने के बजाए खाद्य सामग्री एवं दान में दी जाने वाली सामग्री को पैक कराकर ब्राह्मणों के घर पर पहुंचा दिया। उन्होंने इस अवसर पर रिश्तेदारों को भी घर पर निमंत्रित नहीं किया। बल्कि उन्हें सूचना देकर घर से ही मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील की।