अंधेरगर्दी से छाया 'अंधेरा', रोशनी की उम्मीद में लाखों फुंके
संवाद सूत्र बेलाताल (महोबा) गांवों में रात को अंधेरा न रहे गलियों और सड़कों पर उजियार
संवाद सूत्र, बेलाताल (महोबा) : गांवों में रात को अंधेरा न रहे, गलियों और सड़कों पर उजियारा रहे इसके लिए सोलर लाइट के इंतजाम किए गए। सरकार ने बजट भी दिया। अंधेरगर्दी के कारण पूरा सिस्टम ही धड़ाम है। गलियों से लेकर सड़कों तक में अंधेरा ही अंधेरा और ठूंठ बने खंभे-खराब लाइटें अंधी हो उस अंधेरगर्दी की पोल खोल रही हैं।
सोलर लाइट लगाने के नाम पर विकासखंड जैतपुर में लाखों रुपये ठिकाने लगाने के बाद भी गांवों में अंधेरा पसरा पड़ा है। यहां वर्ष 2018 से लेकर 2020 के मध्य गांव गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई गई। रणनीति के तहत यह जिम्मेदारी प्राइवेट ठेकेदारों को दी गई थी। लेकिन साल भर में ही वादों की कलई खुल गई। प्रत्येक गांव की 60 फीसद से अधिक लाइटें खराब हो गईं हैं। विकासखंड की 63 पंचायतों में से अधिकांश में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई थी। बाजार में करीब 10000 रुपये कीमत में उपलब्ध होने वाली इन लाइटों का 23000 पर लाइट भुगतान किया गया था। जो स्ट्रीट लाइट बाजार में एक हजार में उपलब्ध है उसे चार से सात हजार तक व्यय दिखाया गया। विकासखंड के अधिकांश गांव में एक फर्म के द्वारा यह लाइटें सिरमौर, भटेवरा खुर्द ,बगवाहा, महुआबांध, बुधौरा, लेवा, सगुनिया माफ , मवैया , बछेछर कला में लगाई थी । ग्रामीणों ने की डीएम से शिकायत
उक्त मामले को लेकर ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत की है। ताकि गांवों में बंद पड़ी सोलर लाइटें जल जाएं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानों से वादा किया गया था कि इनकी रिपेयरिंग दो साल तक फर्म द्वारा कराई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, प्रधानों ने पूरे मामले की जानकारी डीएम को देकर जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।