महोबा में एजेटों के जरिए पंजाब, तमिलनाडु से आई मशीनों से होती बोरिग
संवाद सहयोगी बेलाताल (महोबा) वर्ष 2013 से डार्क जोन घोषित है जिले का जैतपुर विकासखंड।
संवाद सहयोगी, बेलाताल (महोबा) : वर्ष 2013 से डार्क जोन घोषित है जिले का जैतपुर विकासखंड। यहां पर निजी बोरिग पर पूर्णतया रोक है। इसके बाद भी बिना अनुमति के बाहर से मशीनें बोरिग के लिए आते हैं। मशीन संचालकों को पता होता है कितने स्पॉट खुले पड़े हैं। इसके बाद भी यह खेल अनवरत जारी है। हकीकत यह है कि एजेटों के जरिए पंजाब व तमिलनाडु से आई मशीनों से यहां बोरिग की जाती है।
ग्राम बुधौरा में बोरवेल में गिरे मासूम घनेंद्र की मौत कई सवाल छोड़ गई है। डार्क जोन में होने के बाद जैतपुर विकासखंड में निजी बोरिग लगातार होती रही हैं। सात साल में निजी बोरिग को रोकने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जैतपुर के सूखे पड़े गांव में जब भूजल स्तर बेहद नीचे है इस कारण बोरिग के असफल होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इस तरह की असफल बोरिग के सैकडों स्पॉट अभी भी खुले पड़े हैं। किसानों के पास खेती ही जीवन का मूल आधार है। सिचाई सुविधा में वृद्धि न होने के कारण बोरिग कराना या फिर किसानों छोडकर महानगरों की ओर पलायन करना मजबूरी बन चुकी है। बताते हैं कि मझगवां बांध में बारिश का पानी आ सकता था पर फसल माफिया ने आने नहीं दिया वरना थुरट रजबहा नहर में पानी लेकर बुधौरा ग्राम में सिचाई हो सकती थी।
छतरपुर-महोबा-नौगांव के अलावा पंजाब व तमिलनाडु की कई हैवी रिग मशीनें इलाके में बेखौफ बोरिग कर रही हैं। पता लगाते कहां है पानी
बोरिग कराने वाले एजेंट व पानी की संभावना बताने वाले गुनिया भी शामिल हैं। गुनिया नारियल के माध्यम से यह कयास लगाता है कि किस जगह बोर होगा तो पानी निकलेगा। इसके बदले में गुनिया को पांच सौ से लेकर एक हजार रुपया मिल जाता है। एजेट नजर आते हैं सक्रिय
रिग मशीन के एजेट होते हैं। काम, डील फाइनल करना, बोरिग कराना व भुगतान प्राप्त कराना है। बदले में एजेंट को बड़ी रकम हासिल हो जाती है। लगी है बोरिग पर रोक
जल निगम के अधीक्षण अभियंता एसपी सिंह कहते हैं, 2013 से महोबा जिले का जैतपुर विकासखंड डार्क जोन में है। निजी बोरिग कराने पर पूरी तरह रोक लगी हुई है।