इमरजेंसी गेट पर जाम में फंसी एंबुलेंस, गोद में ले गए मरीज
जागरण संवाददाता महोबा जिला अस्पताल की इमरजेंसी गेट के सामने मंगलवार को कई बड़े वाहन खड
जागरण संवाददाता, महोबा: जिला अस्पताल की इमरजेंसी गेट के सामने मंगलवार को कई बड़े वाहन खड़े थे। इसी बीच मरीज लेकर आई एंबुलेंस बाहर ही फंसकर रह गई। अंदर न आ पाने से मरीज को साथ लेकर आए उसके पिता ने कुछ युवाओं की मदद से बीमार पुत्र को गोद में लेकर इमरजेंसी तक ले गए।
जिला अस्पताल में पार्किंग की व्यवस्था न होने से यहां आने वाले मरीज और तीमारदार परिसर में ही बेतरतीब वाहनों को खड़ा कर देते हैं। इससे गंभीर मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंस अक्सर अंदर तक नहीं आ पाती हैं। मंगलवार को इमरजेंसी के सामने होम गार्डों के ड्यूटी से लापता होने से गेट के सामने कई कार तथा अन्य वाहन खड़े थे। करीब एक घंटे तक इमरजेंसी गेट के सामने वाहनों के खड़े होने से पूरा रास्ता जाम हो गया। इसी दौरान श्रीनगर से बुखार के गंभीर मरीज को इमरजेंसी लेकर आई एंबुलेंस अंदर नहीं आ सकी। वाहन स्वामियों को तलाशा गया लेकिन करीब आधे घंटे बाद तक जब कोई वहां नहीं आया तो एंबुलेंस में साथ आए मरीज के पिता वृंदावन अपने पुत्र मोहित को इमरजेंसी तक पहुंचाने की गुहार लगाने लगे। तभी कुछ युवाओं ने आकर मोहित को गोद में उठाया और इमरजेंसी तक पहुंचाया।
जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाने की मांग हुई तेज: जिला अस्पताल में कानपुर, लखनऊ, झांसी के विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाने की मांग तेज होने लगी है। मंगलवार को सत्यमेव जयते युवा सोच संगठन के अध्यक्ष विकास कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सीएमएस डॉ. आरपी मिश्रा को दिया।
संगठन अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश सचिव दिनेश कुमार, जिला सह प्रभारी आलोक, सेबू अहमद, सुशील कुमार, प्रदीप, धरमपाल आदि ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री, कमिश्नर को भेजे ज्ञापन में बताया कि दो साल पहले कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कालेज खुलवाने की मांग को लेकर अनशन किया था। यदि महोबा के मेडिकल कालेज की सुविधा नहीं दी गई तो कम से कम जिला अस्पताल की ओपीडी में कानपुर, लखनऊ और झांसी के विशेषज्ञ डाक्टरों को सप्ताह में दो दिन के लिए बुलाया जाए।