टीबी ग्रसित दो बच्चों को गोद लेकर मुहिम को दी धार
जागरण संवाददाता महोबा रोजाना बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से जहां लोगों को परेशानी का सा
जागरण संवाददाता, महोबा : रोजाना बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से जहां लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं टीबी रोगी के लिए यह कोरोना संक्रमण किसी अभिशाप से कम नहीं है। खासतौर पर टीबी रोग से ग्रस्त बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाना एक बड़ी चुनौती है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए इनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। शून्य से 18 वर्ष आयु वर्ग तक के टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने की मुहिम को धार मिल गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एमके सिन्हा ने शहर के भटीपुरा मोहल्ले की 13 वर्षीय टीबी रोगी बच्ची को गोद लिया है। इसी तरह जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.जीआर रत्मेले ने शहर के नैकानापुरा की रहने वाली 14 वर्षीय बच्ची को गोद लेकर पोषण किट बांटी है।
सीएमओ का कहना है कि टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने का आशय दत्तक ग्रहण करने से बिल्कुल नहीं है। जिन बच्चों को गोद लिया जाता है, उन्हें पोषक सामग्री देनी होती है और नियमित तौर पर उनका हालचाल लेना होता है। उन्हें पोषक तत्वों की आवश्यकता भी सबसे ज्यादा होती है। उनका कहना है कि उनके गोद लेने से बच्चे को लगातार निगरानी होगी। उन्होने समाजसेवियों से भी ऐसे बच्चों को गोद लेने की अपील की है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से टीबी के हर मरीज को इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपये दिए जाते हैं। यह धनराशि उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है, ताकि वह पौष्टिक आहार का सेवन कर सकें। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जनपद में 353 टीबी मरीज हैं। इनमें 59 बच्चे भी शामिल हैं।