सूखे तालाब में बह गए 52 लाख
संवाद सूत्र (महोबा) बेलाताल : एक तरफ पूरा बुंदेलखंड पानी के लिए हर साल त्राहि-त्राहि करता
संवाद सूत्र (महोबा) बेलाताल : एक तरफ पूरा बुंदेलखंड पानी के लिए हर साल त्राहि-त्राहि करता है तो दूसरी ओर इसी सूखे की आड़ में कई विभाग और उनके अधिकारी लंबा खेल कर जाते हैं। इसी में से एक मामला स्यावन गांव का खुल कर सामने आया है। इस गांव में 2007 में मनरेगा से तालाब तैयार हुआ। बाद में इसे और गहरा कराने के नाम पर शासन से बजट पास कराया गया। लघु ¨सचाई ने इसमें दो बार काम कराया। इसके तहत लंबा चौड़ा बजट खर्च दिखा कर बाकायदा उसके लोकार्पण का शिलालेख भी लगा दिया। वहीं तालाब को देखकर इस खर्च बजट का क्या हुआ इसका अंदाजा हो जाता है।
विकास खंड बेलाताल क्षेत्र के ग्राम पंचायत स्यावन में बड़ा तालाब मनरेगा योजना के तहत 2006 से 07 के बीच तैयार कराया गया था। इसमें करीब चार लाख रुपये खर्च हुए। तब तालाब में पानी भी हुआ करता था। यहां गांव के लोगों की जरूरत के अनुसार तट बना था। मवेशी को पीने के लिए पर्याप्त पानी था। लोग कपड़े, स्नान आदि करने भी आते थे। फिर अचानक तत्कालीन सपा सरकार में लघु ¨सचाई की ओर से राष्ट्रीय पेयजल योजना कार्यक्रम के तहत इस तालाब को गहरा और लंबाई बढ़ाने के लिए योजना तैयार हुई। प्रस्ताव गया और सरकार से 14 लाख 73 हजार का बजट पास हुआ। काम पूरा हो गया और ठेकेदार से लेकर अधिकारी, विभाग का नाम लिखा हुआ बोर्ड भी लगा दिया। विभाग का इससे भी मन नहीं भरा और 2017-18 में एक बार तालाब का जीर्णोद्धार कार्य कराने के लिए 33 लाख 40 हजार रुपये का प्रस्ताव पास कराया। काम हुआ कि नहीं यह तो तालाब को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। हां इसके काम का शिलालेख जरूर लगा दिया। इसमें मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक चरखारी का नाम लिखा गया।
करीब 8 हजार रुपये मजदूरी बकाया
लघु ¨सचाई विभाग महोबा ने राम¨सह, ज्ञानेश्वर, संजीव, धनीराम, रामबाबू सहित दर्जनों मजदूरों का अभी तक भुगतान नहीं किया है। प्रत्येक मजदूर का करीब 8 हजार रुपये बकाया है। कहा कि जब भी यह लोग भुगतान के लिए लघु ¨सचाई विभाग महोबा जाते हैं तो भगा देते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
लघु ¨सचाई के सहायक अभियंता एमके शाह ने कहा कि बोर्ड गलत लग गया है, इसे सही कराया जा रहा है।