17 साल का संघर्ष, न्याय अभी भी दूर
जागरण संवाददाता, महोबा : अपनी ही जमीन के लिए 17 साल से संघर्ष कर रहे किसान को न्याय की उम्
जागरण संवाददाता, महोबा : अपनी ही जमीन के लिए 17 साल से संघर्ष कर रहे किसान को न्याय की उम्मीद एक बार फिर धोखा दे गई। भूख हड़ताल पर आश्वासन का 'जूस' पिलाने वाले अधिकारी अब मामला न्यायालय में लंबित होने का हवाला दे रहे हैं। थक हारकर पीड़ित किसान ने जल्द न्याय न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी है।
महतवानापुरा निवासी वृद्ध किसान प्रतापनारायण द्विवेदी पिछले 17 सालों से भूमि अधिग्रहण का मुआवजा और शेष बची जमीन की पैमाइश कराने के लिए पिछले 17 सालों से संघर्षरत हैं। बीती 4 नवंबर को वे अपने पुत्र अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद, राकेश द्विवेदी उर्फ गुड्डू व राजेश महाराज के साथ सदर तहसील में भूख हड़ताल पर बैठे थे। अगले ही दिन 5 नवंबर को डीएम ने अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद को कार्यालय में बुलाकर 13 नवंबर को पैमाइश कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद एसडीएम राजेश यादव ने जूस पिलाकर अनशन समाप्त करा दिया था। प्रशासन द्वारा तय की गई तारीख बीत गई लेकिन मांग पूरी नहीं कराई गई। अब अधिकारी मामला न्यायालय में लंबित होने की बात कह रहे हैं। इसी से परेशान किसान प्रतापनारायण द्विवेदी ने जिलाधिकारी के सामने एलान किया है कि जल्द न्याय नहीं मिला तो वे मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करेंगे।
ये है मामला
प्रताप नारायण द्विवेदी ने बताया कि मुड़हरा मौजा में उसकी 7.91 एकड़ जमीन थी। जिसमें 6.35 एकड़ जमीन कलक्ट्रेट व रेलवे ने अधिग्रहीत कर ली। उसका उचित मुआवजा भी नहीं मिला। शेष बची जमीन 1.56 एकड़ की भू-आध्याप्ति अधिकारी पैमाइश नहीं कर रहे हैं, जबकि साक्ष्यों और अभिलेखों में जमीन बची है। इस मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता। जिलाधिकारी ही कुछ बता पाएंगे।
-राजेश यादव, एसडीएम मामला कोर्ट में है। इसलिए प्रशासन ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। फिलहाल मैं लखनऊ में मीटिंग आया हूं। लौटने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
सहदेव, जिलाधिकारी