1100 की तौलिया, 500 रुपये में खरीदा गया पर्दा
जागरण संवाददाता महोबा जो तौलिया बाजार में सौ से डेढ़ सौ रुपये कीमत का मिलता है उसे ग्राम
जागरण संवाददाता, महोबा: जो तौलिया बाजार में सौ से डेढ़ सौ रुपये कीमत का मिलता है उसे ग्राम प्रधानों को 1100 रुपये में दिया गया। प्लास्टिक की साधारण कुर्सी से लेकर मेज तक के दाम बाजार रेट से दोगुने लगाए गए। साधारण दिखने वाले पर्दा खुले बाजार में दो से तीन सौ रुपये मिल जाते हैं, उनके दाम 500 रुपये में थमाए।
सामग्री देने वाली लखनऊ की कंपनी के पास ग्राम पंचायत का पता होने के साथ वहां के प्रधान का नाम और फोन नंबर पहले से नोट था। उसी के अनुसार पंचायत को सामान उपलब्ध करया गया।
मई माह के पहले सप्ताह में पंचायत चुनाव संपन्न होने के कुछ ही दिन बाद पंचायतों में सबसे पहले प्रकरण आया था मकान नंबर की प्लेट बिक्री का। वैसे यह मामला मात्र चरखारी ब्लाक में ही दिखा। अन्य पंचायतों में मकान नंबर प्लेट बिक्री होती उसके पहले ही इस घोटाले की पोल खुल गई और अधिकारी तुरंत पूरे मामले को दबा गए। आनन फानन में तीन गांव के ग्रामीणों का रुपया वापस करवाया और उसमें लगी टीम को भगा दिया गया। प्रधानों की सक्रियता न होने से वह पूरा प्रकरण दब गया। इसके कुछ दिन बाद जून में ही पंचायतों में एक नया प्रकरण उठा। हर पंचायत को नया फर्नीचर उपलब्ध कराया जाने लगा। इसकी कुल लागत 96000 रुपये है। इसमें तौलिया करीब 1100 रुपये की, पर्दा 500 रुपये प्रति पीस। प्लास्टिक कुर्सी बिना किसी ब्रांड की हैं। एक कुर्सी का दाम पांच सौ रुपये से अधिक है, जो बाजार में दो से ढाई सौ रुपये में मिल जाती हैं। मेज, वीआइपी दो कुर्सी भी लोकल ही हैं। यह सारी सामग्री बाजार दाम के अनुसार 50 हजार रुपये से कम की है, लेकिन मनमाने तरीके से 96000 रुपये का भुगतान कराने का दबाव प्रधानों पर बनाया गया।
प्रधानों में नाराजगी
पंचायतों का गठन हुए कुछ माह ही हुए हैं, अभी तक गांव में क्या विकास कार्य होने हैं इसको लेकर ठीक से रूपरेखा भी नहीं बन सकी और उच्चाधिकारी मनमानी करते हुए सामग्री भेज कर अब उसका भुगतान कराने का दबाव बना रहे हैं। इस पर प्रधानों में नाराजगी है।
चरखारी ब्लाक की ग्राम पंचायत स्वासा की प्रधान सुमन राजे बुंदेला का कहना है कि 96 हजार रुपये विकास के मद में खर्च किया जा सकता था, लेकिन ऊपर से हुई फर्नीचर खरीद का भुगतान दबाव लेकर करा लिया गया है।
ग्राम पंचायत रिवई के प्रधान श्रीपत पाल का कहना है कि मेरी ग्राम पंचायत का 96000 का भुगतान फर्नीचर में लिया गया है, मना करने के बाद जबरन दबाव बना कर चेक ले ली गई।
इसी ब्लाक की ग्राम पंचायत पहरेता के प्रधान अरविद कुमार, पंचायत लोहारी के प्रधान भानु सिंह ने भी दबाव में आकर 96000 का भुगतान करा लेने पर आपत्ति जताई है।
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जो सामग्री पंचायत में भेजी गई है उसमें फर्नीचर के साथ सैनिटाइजर पंचायत में और भी कई प्रयोग में आने वाली सामग्री थी, उनको मिलाकर ही 96000 रुपये का भुगतान कराने की बात हुई है।
डा. हरिचरण सिंह, सीडीओ महोबा।