कहां गए जिले में लगाए गए 32 लाख पौधे
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा लगाया गया था सर्वाधिक 18 लाख पौधा
महराजगंज: सरकार के निर्देश पर चलाया जाने वाला पौधारोपण अभियान कागजों में भी सिमट जाता है। पौधा लगने के बाद उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं होता। पिछले साल पौधारोपण अभियान के तहत जिले में 32 लाख पौधे रोपित कराकर अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपा ली। लेकिन साल भर बाद मौके पर एक भी पौधे नजर नहीं आ रहे हैं। आठ लाख ग्राम्य विकास विभाग तथा 24 लाख पौधे अन्य विभाग द्वारा लगाए गए । यह पौधे अब ढूढ़ने पर नहीं मिल रहे हैं। प्रत्येक ग्राम सभाओं में करीब 1500 लगाए गए। पौधों का तो नामोंनिशां तक नहीं है। नए सत्र में एक बार फिर पौधारोपण की तैयारी शुरू हो गई है। हर साल वन विभाग के साथ ही ग्राम्य विकास, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, नगर विकास, लोक निर्माण, सिचाई विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग विभाग, विद्युत विभाग, रेशम विभाग आदि को पौधारोपण का लक्ष्य दिया जाता है। पिछले वर्ष जिले में 32 लाख पौधारोपण का दावा किया गया था। ग्राम्य विकास विभाग ने प्रत्येक ग्राम सभाओं में 1500 पौधों का वितरण एवं उनके देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन स्थानों पर 90 फीसद से अधिक पौधे सूख चुके हैं। इक्का-दुक्का जो पौधे बचे हैं, वह भी काफी कमजोर हैं।
गांवों में कराया गया था मनरेगा से पौधारोपण:
जिले के 923 ग्राम पंचायतों में कुल आठ लाख पौधारोपण के लिए विकास विभाग ने मनरेगा मजदूरों की जिम्मेदारी तय की गई थी। योजना थी कि जरूरतमंदों की भूमि पर रोजगार सेवक के माध्यम से मनरेगा मजदूर स्थान बनाते हुए पौधारोपण का कार्य संपादित करेंगे। गांवों में पौधा पहुंचने के बाद जिम्मेदार उसे लगवाने की जिम्मेदारी भूल गए। डीएफओ पुष्प कुमार के ने कहा कि वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों में जहां पौधे सूख गए हैं, वहां दोबारा पौधारोपण कराया जाएगा। क्षेत्रीय वनाधिकारी समेत वनदारोगा की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी, ताकि पौधों की रक्षा हो सके।