जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ सके गांव
जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने कहा है कि सोहगीबरवा और आसपास के गांवों में शासन की सभी योजनाएं पहुंच रही हैं। भौगोलिक संरचना के चलते आवागमन में परेशानी है।
महराजगंज : सड़क और पुल न होने की वजह से जिला मुख्यालय जाने के लिए पहले नेपाल या बिहार जाना पड़े तो उपेक्षा की इससे बड़ी नजीर और क्या होगी। भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ, शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते महराजगंज का सोहगीबरवा, शिकारपुर व भोथहा अब तक जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ सका। शहर से करीब 87 किमी दूर निचलौल ब्लाक के इन तीनों गांवों में आवागमन की आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। पक्की सड़क न होने से 30 हजार की आबादी बरसात शुरू होते ही घरों में कैद हो जाती है।
जिला मुख्यालय से सोहगीबरवा जाने-आने के लिए बाशिंदों को नेपाल व बिहार की सीमा में प्रवेश करना पड़ता है। नदी में पानी कम होने पर लोग नाव का प्रयोग कर लेते हैं, लेकिन बारिश में यह मुमकिन नहीं होता। कई बार इसके लिए आवाज उठाई गई, लेकिन कोई भी पहल अंजाम तक नहीं पहुंची। सोहगीबरवा के प्रधान विनय सिंह ने बताया कि पुल बनवाने के लिए हम लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है। इसके बन जाने से जिला मुख्यालय की राह तो आसान होगी ही बिहार से व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिहार में शामिल करने का भेजा था प्रस्ताव
पूर्व जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने सोहगीबरवा को बिहार में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसकी जानकारी होते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि चाहें तो कुशीनगर में जोड़ दें, लेकिन वह बिहार में शामिल नहीं होना चाहते।
जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने कहा है कि सोहगीबरवा और आसपास के गांवों में शासन की सभी योजनाएं पहुंच रही हैं। भौगोलिक संरचना के चलते आवागमन में परेशानी है। बारिश में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।