Move to Jagran APP

सब्जी की खेती को बना लिया गरीबी से लड़ने का हथियार, गोभी लगा बढ़ा रहे आय Gorakhpur News

खेती घाटे का सौदा नहीं है। यदि खेती-किसानी बेहतर ढंग से की जाए तो किसान गरीबी को दूर भगा सकता है। कुछ इसी तरह की सोच को हकीकत में बदल रहे हैं। महराजगंज जिले के नौतनवां ब्लाक क्षेत्र के हरदीडाली गांव के किसान वीरेंद्र चौधरी।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 03:10 PM (IST)
सब्जी की खेती को बना लिया गरीबी से लड़ने का हथियार, गोभी लगा बढ़ा रहे आय Gorakhpur News
गोभी के खेत की देखभाल करते किसान वीरेंद्र चौधरी।

मनोज पांडेय, गोरखपुर : खेती घाटे का सौदा नहीं है। यदि खेती-किसानी बेहतर ढंग से की जाए तो किसान गरीबी को दूर भगा सकता है। कुछ इसी तरह की सोच को हकीकत में बदल रहे हैं। महराजगंज जिले के नौतनवां ब्लाक क्षेत्र के हरदीडाली गांव के किसान वीरेंद्र चौधरी। घर की जिम्मेदारी व पांच बेटियों की शिक्षा-दीक्षा बोझ है। परिवार के सभी खर्च वीरेंद्र सब्जी की खेती से निकाल लेते हैं।

loksabha election banner

कर रहे हैं गोभी की खेती

वर्तमान में वीरेंद्र एकड़ में गोभी की खेती कर रहे हैं। प्रतिदिन 50 किलो से एक क्विंटल गोभी निकालकर स्वयं बाजारों में बिक्री करते हैं, जिससे महीने में औसत रूप से करीब 20 से 25 हजार रुपये  की आय हो जाती है। वीरेंद्र ने बताया कि पास करीब दो एकड़ पैतृक भूमि है। इसके अलावा उन्होंने दो एकड़ हुंडा पर खेती लिया, जिसमें वह सब्जी के अलावा पारंपरिक धान-गेहूं की फसल भी लगाते हैं। वर्ष भर में  दो से ढाई लाख रुपये की आय होती है। वीरेंद्र अपने काम को लेकर खुश हैं। वीरेंद्र बताते हैं कि सबसे अधिक लाभ उन्हें गोभी की खेती से होती है।

एक एकड़ में खर्च होते हैं 20 हजार रुपये

एक एकड़ में गोभी की बोआई में 20 से 30 हजार रुपये का खर्च आता है। हर मौसम में गोभी की अलग-अलग प्रजातियां लगाई जातीं हैं,  जिसमें फूल गोभी, बंद गोभी व ब्रोकली प्रमुख है।

घाटे का सौदा नहीं खेती

नौतनवां के हरदीडाली में किसान वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि खेती घाटे का सौदा नहीं है। किसान यदि वैज्ञानिक ढंग से खेती करें , तो निश्चित रूप से उन्हें लाभ प्राप्त होगा। परंपरागत खेती से हट कर किसानों को सब्जी की खेती सहित अन्य विकल्पों की तरफ रुख करना चाहिए। खेती कर किसान बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.