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कोरोना से जंग जीतने में सहायक होगा टीकाकरण

बबिता गुप्ता गृहिणी सिदुरिया ने बताया कि तीन अगस्त 2020 को तबीयत खराब होने पर जब मैंने अपनी जांच कराई तो मेरी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आ गई थी। सूंघने की शक्ति समाप्त हो चुकी थी मेरे साथ पूरे परिवार के लोग काफी डरे सहमे हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 12:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 12:00 AM (IST)
कोरोना से जंग जीतने में सहायक होगा टीकाकरण
कोरोना से जंग जीतने में सहायक होगा टीकाकरण

महराजगंज: कोरोना संक्रमण से जीतने के लिए वर्तमान समय में कोरोना से बचाव का टीका काफी कारगर साबित हो रहा है। जिले में जिस प्रकार से कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है, उसी प्रकार ठीक होने वाले भी पीछे नहीं हैं। अबतक जिले में करीब नौ हजार लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं। कोरोना से जंग जीत चुके लोगों का मानना है कि कोरोना टीकाकरण करा लेने के बाद संक्रमण का खतरा 90 फीसद तक कम हो जाता है।

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अमरनाथ लोहिया, व्यवसायी, सिसवा बाजार ने बताया कि मुझको शुगर, बीपी और किडनी की समस्या है। 21 अप्रैल को बुखार लगा तो मैंने अपनी कोरोना की जांच कराई। 24 अप्रैल को जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आई। रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद घर पर ही आइसोलेशन में चला गया। घर पर आइसोलेट रहने के दौरान तीन मई की सुबह सांस फूलने लगी। आक्सीजन लेवल 65/66 हो गया। समस्या बढ़ने पर तत्काल कसया (कुशीनगर) में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हुआ और आक्सीजन लेना पड़ा। इस तरह से नौ मई को मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई और डाक्टर ने छुट्टी दे दी है। संक्रमण का यह सात दिन काफी मुश्किलों भरा रहा। मुझे बहुत डर लगने लगा था पर मैंने हिम्मत नहीं हारी। हालांकि मैंने कोरोना से बचाव के लिए टीके का दोनों डोज लगवा लिया था, शायद इसी वजह से हम सुरक्षित घर आ सके हैं। सभी से अनुरोध है कि हिम्मत के साथ कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराएं।

बबिता गुप्ता, गृहिणी, सिदुरिया ने बताया कि तीन अगस्त 2020 को तबीयत खराब होने पर जब मैंने अपनी जांच कराई तो मेरी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आ गई थी। सूंघने की शक्ति समाप्त हो चुकी थी, मेरे साथ पूरे परिवार के लोग काफी डरे सहमे हुए थे। चिकित्सकों की राय पर हमने घर में ही आइसोलेट रहकर कोविड नियमों का पालन किया और लगातार गर्म पानी के साथ-साथ काढ़ा आदि का सेवन करती रही। इस दौरान चिकित्सकों द्वारा सुझाई गई दवाइयों का भी सेवन किया। करीब 16 दिन के बाद हुई दोबारा जांच में मैं पूरी तरह से स्वस्थ हो गई।


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