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सबकी मनोकामना पूरी करती हैं मां बनैलिया

नौतनवा में मां बनैलिया समय माता के नाम से विख्यात मंदिर स्थित है। जहां प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 20 जनवरी को मूर्ति स्थापना दिवस धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:12 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:12 PM (IST)
सबकी मनोकामना पूरी करती हैं मां बनैलिया
सबकी मनोकामना पूरी करती हैं मां बनैलिया

महराजगंज: पड़ोसी मुल्क नेपाल से महज छह किलोमीटर दूर नौतनवा में मां बनैलिया समय माता के नाम से विख्यात मंदिर स्थित है। जहां प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 20 जनवरी को मूर्ति स्थापना दिवस धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। जिसमें विशाल झांकी नगर की परिक्रमा करेगी, वहीं 21 जनवरी को भगवती जागरण व भंडारे का आयोजन किया गया है। यह मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों समेत नेपाल के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है। देश-विदेश से नेपाल पर्यटन के लिए जाने वाले पर्यटक भी इस मंदिर पर रुकते हैं। पंडित जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मां बनैलिया मंदिर में जो भी भक्त अपनी मनोकामना मांगता है, उसको पूर्ण करती है।

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मंदिर में ऐसे हुई थी मूर्ति की स्थापना: मां बनैलिया मंदिर विकास समिति अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि थारू समाज की भूमि पर यहां पहले घना जंगल था, जिसको काटकर किसान केदारनाथ मिश्र खेती करते थे। एक दिन उनको सपने में मां ने कहा कि यहां पर मेरी पिडी खोजकर मंदिर का निर्माण करो। इसके बाद केदार मिश्र ने सन 1888 में यहां पर एक छोटे से मंदिर का निर्माण कराया, जंगल होने के कारण उसका नाम वनदेवी के नाम से जाना जाता था। धीरे धीरे मंदिर विकसित होने से बनैलिया मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। जिसमें विवि विधान से 20 जनवरी 1991 में मूर्ति की स्थापना की गई। प्रतिवर्ष इस दिन को वार्षिकोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

मंदिर में नौ देवियों के रूप की होती है परिक्रमा:

मंदिर का निर्माण वृताकार अरघा नुमा संरचना है, जिसके अंदर मां के नौ स्वरूपों को स्थापित किया गया है। केंद्र में मां बनैलिया की भव्य प्रतिमा शोभायमान है। मंदिर वर्ताकार होने के कारण मां का परिक्रमा मंदिर के अंदर ही की जाती है।


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