भागवत कथा से दूर होती है मानव जीवन की व्यथा
राम नाम में सूर्य की प्रकाश अग्नि की दहकता और चंद्रमा की शीतलता निहित है
महराजगंज: वर्तमान का मोह, भविष्य का भय, भूत का शोक कथा से समाप्त होता है। मानव जीवन की व्यथा भागवत कथा से दूर होती है। उक्त बातें कथावाचक साध्वी प्रेमलता ने श्रद्धालुओं को अपनी संगीतमयी अमृत कथा का रसपान कराते हुए कही। उन्होंने बताया कि राम नाम में सूर्य की प्रकाश, अग्नि की दहकता और चंद्रमा की शीतलता निहित है। रामनाम के जप से शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक एवं भवरोग समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि बाल्मीकि जैसे ऋषि के जीवन का सारा परिवर्तन श्रीराम नाम के प्रभाव से ही हुआ। उन्होंने कहा कि संस्कार बच्चों को अवश्य देना चाहिए। कार भले न दें। कार से वह बड़ा आदमी बन सकता है, कितु संस्कार से भला आदमी बन सकता है। उन्होंने कहा कि एक पुत्र का कर्तव्य है कि वह अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करे। मृत्यु के बाद गया श्राद्ध करे और घर में श्रीमद्भागवत की कथा संपन्न कराए। महंत अखिलेश तिवारी के आचार्यत्व में आयोजित इस संगीतमयी कथा में पिटू शास्त्री वायलिन एवं तबला पर देवानंद संगत कर रहे थे। पार्श्व गायन की भूमिका ब्रजेश मिश्र ने निर्वहन किया। इस मौके पर श्रीमती शांति पांडेय, अमित पांडेय, राजू मिश्र, दिनेश पांडेय, अरविद पांडेय, राजेश पांडेय, धर्मेंद्र पांडेय आदि ने कथा का श्रवण किया। गरीबों व पीड़ितों की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं
महराजगंज: गरीबों व पीड़ितों की सेवा से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य कार्य नहीं है। गरीबों की सेवा ही ईश्वर सेवा है। उक्त बातें सीएचसी घुघली के फार्मासिस्ट मिथिलेश शाही एवं शिक्षक डा मृगेश बहादुर सिंह ने कही। वह मंगलवार को स्थानीय सीएचसी पर एंबुलेंस ड्राइवर व कोरोना योद्धाओं में कंबल वितरण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा ही सच्ची सेवा है। जीवन में सेवा का जब भी अवसर मिले उसे खोना नहीं चाहिए। सेवा से जो संतुष्टि मिलती है, वह किसी दूसरे कार्य मे नहीं। अनिल जायसवाल, अभय सिंह, डा. मृगेश बहादुर सिंह, विशाल सिंह, निहाल सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।