फर्जी प्रमाणपत्र मामले में एसटीएफ के निशाने पर विभागीय कर्मचारी
महराजगंज घुघली ब्लाक के हरखी पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षक सूरज कुमार उपाध्याय के प्रमाण-पत्रों पर बाराबंकी जिले में नौकरी करते संतकबीर नगर निवासी जालसाज सुबाष पांडेय के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ की टीम प्रमाणपत्रों की कापी जालसाज तक पहुंचाने वाले को पकड़ने में लग गई है।
महराजगंज: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने के मामलों का पर्दाफाश होने के बाद सेम डाटाबेस के फर्जी प्रमाणपत्रों के मामले में शिक्षा विभाग के कर्मचारी अब एसटीएफ के निशाने पर हैं।
महराजगंज घुघली ब्लाक के हरखी पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षक सूरज कुमार उपाध्याय के प्रमाण-पत्रों पर बाराबंकी जिले में नौकरी करते संतकबीर नगर निवासी जालसाज सुबाष पांडेय के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ की टीम प्रमाणपत्रों की कापी जालसाज तक पहुंचाने वाले को पकड़ने में लग गई है। एसटीएफ टीम गोरखपुर के प्रभारी सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि फर्जीवाड़ा में सहयोग करने वालों की भी तलाश जारी है।
घुघली ब्लाक के चौमुखा निवासी सूरज कुमार उपाध्याय की नियुक्ति 2009 में हुई थी। नियुक्ति के समय प्रमाणपत्र काउंसिलिग के दौरान जमा हुए थे। इनकी नियुक्ति के बाद संतकबीर नगर मडयौना थाना क्षेत्र के रीटा गांव निवासी सुबाष पांडेय ने इन्हीं के प्रमाणपत्रों पर बाराबंकी जिले में नियुक्ति प्राप्त कर लिया था। एक लाख रुपये में बिके थे प्रमाणपत्र
बाराबंकी जिले में पकड़े गए आरोपित सुबाष ने यह बात स्वीकार किया है कि उसने महराजगंज निवासी शिक्षक सूरज कुमार उपाध्याय के प्रमाणपत्र एक लाख रुपये में गिरिजेश कुमार त्रिपाठी से खरीदे थे। गिरिजेश कुमार त्रिपाठी इस समय जेल में बंद है। अब एसटीएफ के सामने यह सवाल है कि महराजगंज के शिक्षक सूरज कुमार उपाध्याय के प्रमाणपत्र गिरिजेश कुमार त्रिपाठी के हाथ कैसे लगे। क्या इसके पीछे महराजगंज बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात किसी कर्मचारी का भी हाथ है। एसटीएफ को शिक्षक सूरज कुमार उपाध्याय ने भी खुद शिकायत कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। एसटीएफ टीम प्रभारी ने कहा कि विभिन्न बिदुओं पर जांच की जा रही है।