एंबुलेंस घोटाले की सात ब्लाकों ने नहीं दी जांच रिपोर्ट
महराजगंज: जिले में एंबुलेंस सेवा में घोटाले की जांच को लेकर ब्लाक स्तरीय अधिकारी सुस्त पड़ गए हैं। अभी तक सिर्फ पांच ब्लाकों ने ही जांच पूरी कर विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध कराई है, जबकि सात ब्लाकों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है। उन्हें चेतावनी जारी करते हुए अतिशीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
सरकार ने जरूरतमंद रोगियों को शीघ्र चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने के लिए निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था की है, लेकिन एंबुलेंस के फेरे बढ़ाकर सरकार को आर्थिक चोट पहुंचाने का खेल यहां चल रहा है। इस कार्य में कंपनी के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। जिले में 108 और 102 नंबर की कुल 64 एंबुलेंस है। इन एंबुलेंसों में फरवरी, मार्च तथा अप्रैल में ढोए गए रोगियों की जांच शासन के निर्देश पर शुरू हुई है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी पीसीआर (पेशेंट केयर रिकार्ड) और डीबीआर (ड्राप बैक रजिस्टर) खंगालने में जुटे हैं। इस कार्य में एएनएम और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को भी लगाया गया है। वह सूची में दिए गए मोबाइल नंबर पर फोन के माध्यम से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर रहीं है। घुघली, बहदुरी, रतनपुर, परतावल व लक्ष्मीपुर ब्लाक ने जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। प्रारंभिक जांच में ही फर्जीवाड़े की पोल खुलने लगी है। आशा, एएनएम और किसी अन्य व्यक्ति के नाम व मोबाइल नंबर दर्ज कर एंबुलेंस को खूब दौड़ाया गया है और तो और अलग-अलग आइडी काटकर एक ही एंबुलेंस में तीन-तीन गर्भवती को ढोया गया है। आइडी के लिए मेडिकल संचालकों को भी मोहरा बनाया गया है। चालक लखनऊ, आयोध्या, आजमगढ़ और मऊ तक एंबुलेंस ले गए हैं।
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माहवार ढोए लाभार्थी और लगाए गए चक्कर
माह लाभार्थियों की संख्या चक्कर
फरवरी 3933 6603
मार्च 4425 7703
अप्रैल 4025 6631
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पांच ब्लाकों से रिपोर्ट आई गई है। सात ब्लाकों द्वारा रिपोर्ट विलंब करने पर चेतावनी दी गई कि अतिशीघ्र जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। सभी रिपोर्ट प्राप्त होने के उसकी क्रास चेकिंग की जाएगी। इसमें जो भी दोषी मिलेगा, उसके विरुद्ध शासन को कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
डा.आइए अंसारी
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी