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अन्नदाता परिदों के संरक्षणदाता

आसपास के लोगों को उसके बारे में जागरूक कर उसकी सुरक्षा के बारे में बताते हैं। इससे कोई घोंसले के आसपास नहीं जाता है। इससे गांव स्तर पर भी लोगों में सारसों के सरंक्षण को लेकर जागरूकता आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 05:44 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 05:44 PM (IST)
अन्नदाता परिदों के संरक्षणदाता
अन्नदाता परिदों के संरक्षणदाता

महराजगंज : पक्षियों की विलुप्त होती प्रजाति सारस को अंडे देने से लेकर बच्चे पैदा करने में बहुत कठिनाई आती है। इससे उनकी संख्या नहीं बढ़ पाती है। ऐसे में इन परिदों के संरक्षणदाता के रूप में अन्नदाता आगे आए हैं। घोंसले बनाने से लेकर अंडे सहेजने तक का कार्य कर इनका परिवार बढ़ा रहे हैं। जिले के किसानों की यह पहल सुकून देने वाली है।

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इस संरक्षण कार्य में वैसे तो ज्यादातर किसान सहयोग करते हैं। पर, एक मुहिम के रूप में इसे स्वीकार कर संरक्षण देने वाले 15 किसान चिह्नित किए गए हैं। इसमें निचलौल ब्लाक के योगेंद्र गांव बैदौली निवासी कन्नौजिया, मदनपुरा के नसरुद्दीन अली, पिपरहवा के वीरेंद्र यादव, बजहां के ठाकुर यादव, गोपाल यादव, सबया के गोविद, सोहट के धर्मेंद्र सिंह, सदर ब्लाक के बसवार निवासी भरथ द्विवेदी, करमहा के अवधबिहारी पटेल, हरिहरपुर के कौशल व घनश्याम, धानी ब्लाक के बैसार निवासी इंद्रेश यादव, जनक विदेह, पुरंदरपुर कामन्हा के इंदल व हरिशंकर शामिल हैं। यह उनके प्रवास क्षेत्र व घोसले को चिह्नित कर निगरानी करते हैं। आसपास के लोगों को उसके बारे में जागरूक कर उसकी सुरक्षा के बारे में बताते हैं। इससे कोई घोंसले के आसपास नहीं जाता है। इससे गांव स्तर पर भी लोगों में सारसों के सरंक्षण को लेकर जागरूकता आ रही है। इनके सुरक्षा व क्राइम कंट्रोल का काम देख रहा संगठन वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया भी समय समय पर संरक्षण को लेकर पहल करता है।

साल में एक बार ही देते हैं अंडे

सारस एक साल में एक बार ही एक से दो अंडे देता है, जिसे नर व मादा दोनों बारी-बारी सेते हैं। एक दाना लेने जाता है तो दूसरा बैठता है। 30 दिन बाद उसमें से बच्चे निकलते हैं। सारस मई जून में अपना जोड़ा चुनता है। जून के पहले सप्ताह से घोंसला बनाकर मादा सारस उसमें अंडे देती है। यह क्रम अगस्त तक चलता है।

बिजली के पोल बन रहे खतरा

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया से जुड़े अरशद हुसैन का कहना है कि सारस का प्रवास अधिकतर खेतों में होता है। जहां से बिजली का पोल गुजरा है। उड़ान भरते समय टकराकर उनकी जान चली जाती है।

सम्मानित होते हैं संरक्षक

दो फरवरी को विश्व आद्र भूमि दिवस के मौके पर क्षेत्र में निस्वार्थ सारस संरक्षण करने वाले किसानों को वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया सम्मानित करती है।


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