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जी का जंजाल बनी पराली, मुश्किल में किसान

पकड़ी विशुनपुर के किसान जनार्दन ओझा ने कहा कि पराली हम किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। एक एकड़ पराली खेत से निकलवाने में 2000 से 2500रुपये खर्च हो रहे हैं पिपरपाती तिवारी के किसान ध्यानेश्वर मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह पराली किसानों के लिए कोरोना से भी बड़ी बीमारी बन गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 12:22 AM (IST)
जी का जंजाल बनी पराली, मुश्किल में किसान

महराजगंज: पराली सहित सभी फसल अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगा है। इन आदेशों का अनुपालन कड़ाई से हो रहा है। वर्तमान में पराली सहित सभी फसल अवशेषों का सूबे में जलाया जाना पूर्ण प्रतिबंधित है। इस कारण पराली अब जी का जंजाल बन गई है। आलम यह है कि किसानों का समूचा कुनबा खेती के लिए ज्वलंत समस्या की सबब बनी पराली को दिन रात की मेहनत कर हटाने में जुटा है।

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पकड़ी विशुनपुर के किसान जनार्दन ओझा ने कहा कि पराली हम किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। एक एकड़ पराली खेत से निकलवाने में 2000 से 2500रुपये खर्च हो रहे हैं पिपरपाती तिवारी के किसान ध्यानेश्वर मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह पराली किसानों के लिए कोरोना से भी बड़ी बीमारी बन गई है। सरकार के आमदनी दोगुनी करने के दावे के इतर अब तो किसानों की कृषि लागत चौगुनी हो गई है। किसानों के समक्ष खाद, बीज,जुताई, बोआई सहित रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है। किसान मनीष ओझा ने कहा कि अब खेती से मोह भंग हो रहा है। दिन प्रतिदिन खेती में लागत बढ़ती जा रही हैं। खेत से पराली निकालना बड़ा मुश्किल हो गया है। गजेंद्र ओझा का कहना है कि सरकार को हम किसानों की पीड़ा समझना चाहिए। हर संकट में किसान ही सरकार के साथ रहते हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुधि नहीं ले रही हैं। पराली के चक्कर में खेत की नमी समाप्त हो गई। नमी के लिए पंपिग सेट से पानी चलवाया हूं।

पराली का पूरा प्रबंधन करें किसान

महराजगंज के परतावल विकास खंड के ग्राम सभा पिपरा खादर में सहायक विकास अधिकारी कृषि राकेश कुमार ने किसानों में बायो डी कंपोजर का वितरण किया। कहा कि इसे घोल बनाकर धान के कटाई के बाद जो पराली निकालता है,उसमें छिड़काव करने से पराली सड़ जाएगी। फसल अवशेष प्रबंधन से ही किसानों का भला होगा। इसलिए किसान अपने धान, गेहूं जौ, बाजरा, मक्का,दलहनी व तिलहनी फसलों के अवशेष को कदापि न जलाएं। इस दौरान विद्या यादव ,युगल किशोर, गोविन्द ,सुभाष,मकसूदन, रामदरस, गुरुदेव, शौकत अली, पिटू यादव, जय किशन, रामभरोस, विमलेश, अजय, साहेब शर्मा आदि किसान मौजूद रहे। इस दौरान आनंद शुक्ल, अनिल शुक्ल, यासीन खान, रवीन्द्र शुक्ला, अमरजीत यादव,खदेरू प्रजापति, रमेश लाल, केदार शर्मा,सरवन गुप्ता,मोहन गुप्ता, बजरंगी,रसीद आदि मौजूद रहे।


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