श्रद्धा के साथ मनाया गया प्रकाश पर्व
गुरुद्वारे को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इसके अलावा गुरुग्रंथ साहिब का दरबार आकर्षक का केंद्र रहा। लोगों ने गुरु दरबार में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया।
महराजगंज: स्थानीय गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा में सोमवार को सिख गुरु नानकदेव का 551 वां प्रकाश पर्व श्रद्धा,भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। जिसमें कथा, शबद- कीर्तन, हुजूरी, रागी जत्था व लंगर का आयोजन किया गया।
गुरुद्वारे को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। इसके अलावा गुरुग्रंथ साहिब का दरबार आकर्षक का केंद्र रहा। लोगों ने गुरु दरबार में मत्था टेका और आशीर्वाद लिया। मुंबई से आए कथा वाचक ज्ञानी सतबीर सिंह ने गुरु नानक देव के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरुनानकदेव ने भाईचारा, एकता, जातिवाद को मिटाने के उपदेश दिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है। वह सर्वत्र विद्यमान है। हम सबका पिता वही है, इसलिए सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर एवं न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए। देहरादून से आये रागी जत्था ओमवीर सिंह ने मोहक वाणी में ऐसे गुरु को बल-बल जाइये,धन-धन हमारे भाग्य, नानक नाम जहाज है। जो चढ़े सो उतरे पार, मेरा सतगुरु करता मुझको प्यार, वहीं है मेरा खेवनहार, एक ओंकार सतनाम, करता पुरख निरभऊ.. का गायन कर संगत को निहाल किया। हुजूरी रागी कर्मवीर सिंह ने आसा दी वार का कीर्तन किया। दीवान की समाप्ति अरदास से हुई, अरदास में कोरोना से मानवता की रक्षा की प्रार्थना की गई। गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा अध्यक्ष परमजीत सिंह, रंजीत सिंह छाबड़ा, सतपाल सिंह एडवोकेट, रंजीत सिंह गांधी, जसबीर सिंह, अजित सिंह, मस्तान सिंह गांधी, शरण कौर, भोपेंद्र कौर, जसबीर कौर, हरप्रीत कौर, मजनीत कौर आदि मौजूद रहे।