ग्राम पंचायत भवन में चल रहीं पुलिस की चौकियां
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में 19 थानों में 32 पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी। नगर चौकी पुरानी तहसील की भूमि पर बनी है। जिन जगहों से पुलिस की चौकी बनी है। वह प्राथमिक विद्यालय निजी मकान-दुकान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व पंचायत भवन हैं।
महराजगंज: जिले में ग्राम पंचायतों की बैठक व सार्वजनिक कार्यों के लिए भले ही सरकार की ओर से गांवों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया हो, लेकिन यह भवन पुलिस के काम आ रहे हैं। पंचायत भवनों में पुलिस का अवैध कब्जा है। इसका मुख्य कारण पुलिस के पास खुद का भवन का न होना है। इसकी वजह से गांव सभा की बैठकों को दूसरी जगहों पर आयोजित करना पड़ता है। सुरक्षा के लिहाज से गांव के लोग भी अवैध कब्जे का विरोध नहीं करते हैं। जिले में ऐसा हाल एक या दो चौकियों का नहीं बल्कि कुल 11 पुलिस चौकियां ऐसी हैं जिनके पास खुद का भवन नहीं है। सदर तहसील के बगल में स्थापित सदर कोतवाली के नगर चौकी को लेकर प्रशासन व पुलिस के बीच टकराव भी हो चुकी है। जुगाड़ से चल रहा पुलिस का काम
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में 19 थानों में 32 पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी। नगर चौकी पुरानी तहसील की भूमि पर बनी है। जिन जगहों से पुलिस की चौकी बनी है। वह प्राथमिक विद्यालय, निजी मकान-दुकान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व पंचायत भवन हैं। इसमें फरेंदा नगर पुलिस चौकी पिकेट मात्र है। सिदुरिया थाना क्षेत्र की मिठौरा, चिउटहां, एकसड़वा, धानी, परतावल, बहदुरी, सिसवा, भिटौली, बागापार आदि का नाम शामिल है। जिले में 20 जगहों पर लगने वाली पिकेट भी जुगाड़ के सहारे है। कागज में संचालित हो रही जेल पुलिस चौकी
उधार के भवन में संचालित हो रही पुलिस चौकियों के अलावा सदर कोतवाली की जेल चौकी ऐसी है , जिसका कोई ठिकाना ही नहीं। इसका अधिकांश काम कोतवाली से ही होता है। यह पुलिस चौकी सिर्फ कागजों में ही संचालित होती है। पुलिस कर्मी आस- पास के चाय की दुकान पर बैठकर कार्रवाई पूरी करते हैं। चौकी भवन में संचालित हो रहा है थाना
पुलिस विभाग के लिए भवन की कमी के हाल कुछ यूं हैं कि यहां चौकी भवन में ही थाने का संचालन होता है। जिले के सिदुरिया थाने का गठन फरवरी 2021 में हुआ। लेकिन 10 माह बाद भी थाना भवन बनाने के लिए शासन से धनराशि नहीं स्वीकृत हो सकी। ऐसे में चौकी भवन से ही थाने का संचालन किया जा रहा है। पुलिस चौकी के लिए अपनी भूमि आवंटित नहीं होने के कारण अधिकांश चौकी सरकारी भवनों में चल रहीं हैं। भूमि की तलाश की जा रही है। जैसे-जैसे भूमि मिलेगी, उसी आधार पर उच्चाधिकारियों से संपर्क कर भवन निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।
प्रदीप गुप्ता, एसपी, महराजगंज