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विवेचनाओं के बोझ तले दबती जा रही पुलिस

एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि विवेचनाओं के ससमय निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। जिन भी थानों में अधिक विवेचनाएं लंबित हैं वहां के दारोगा और थानेदार को समय पूर्व विवेचना निस्तारण का निर्देश दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 11:55 PM (IST)
विवेचनाओं के बोझ तले दबती जा रही पुलिस
विवेचनाओं के बोझ तले दबती जा रही पुलिस

महराजगंज: महराजगंज में दिन पर दिन पंजीकृत अपराधिक मामलों की संख्या बढ़ने के साथ पुलिस जांच में लंबित विवेचनाओं का भी बोझ बढ़ता जा रहा है। कोतवाली व थानों के पंजीकृत जघन्य व अन्य मामलों की जांच में भी पुलिस का एक जैसा रवैया है। महीनों से वर्षों तक पुलिस विवेचना में ही प्रकरण उलझाए रहती है। पुलिस की इस उदासीन कार्यशैली का लाभ अभियुक्त व आरोपित बेखौफ उठाते हैं, बल्कि पीड़ित को धमका अपमानित कर मुकदमा वापस लेने तक का दबाब बनाते हैं। पीड़ितों की मानें तो अभियुक्त यह हथकंडे पुलिस को ले देकर अपनी मुट्ठी में करने के कारण उठाते हैं। यही कारण है कि लंबित मामलों में जिनकी चार्जशीट पूर्व में ही लग जाती थी, वो महीनों से साल बीतने के बाद भी सक्षम न्यायालयों में नहीं पहुंच पाती है।

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जिला मुख्यालय स्थित महिला थाना समेत जिले में कुल 19 थाने हैं। इनमें वर्ष 2021 के 203 व पुराने लगभग 602 मामले जांच में लंबित हैं। चार सौ के करीब वह मामले हैं, जिनकी जांच समय से पुलिस द्वारा पूरी न किए जाने से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। न्याय पाने के लिए पीड़ित कोतवाली थाना से लेकर दरोगा, सिपाहियों की जी हुजूरी करते रहकर भी निराश होकर जिला मुख्यालय पुलिस अधिकारियों के यहां दस्तक देकर न्याय की गुहार करते हैं। लंबित इन मामलों में सर्वाधिक 128 मामले सदर कोतवाली के हैं। दूसरे स्थान पर थाना निचलौल में जहां 92 वहीं तीसरे स्थान पर फरेंदा कोतवाली 73 मामले लंबित हैं। यह हाल उस वक्त है जब लंबित मामलों की क्षेत्राधिकारी प्रति सप्ताह व अपर पुलिस अधीक्षक माह में एक दिन इसकी समीक्षा करते हैं। इधर पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कोतवाली व थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर लंबित विवेचनाओं पर इंस्पेक्टर व थानाध्यक्षों को आड़े हाथ ले वांछितों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। 31 निरीक्षक समेत 104 उपनिरीक्षकों की है फौज

जिले में 31 निरीक्षक समेत पांच महिला समेत कुल 104 उपनिरीक्षकों की फौज होने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। निरीक्षक व उपनिरीक्षकों में स्थानांतरण होने के साथ लंबित विवेचनाएं भी एक से दूसरे के जिम्मे हो जाती हैं। जघन्य अपराधिक मामलों के आरोपित इसका भी लाभ उठाते हैं या फिर धरपकड़ का दबाब पुलिस से पड़ने पर न्यायालय की शरण ले जेल चले जाते हैं। एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि

विवेचनाओं के ससमय निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। जिन भी थानों में अधिक विवेचनाएं लंबित हैं वहां के दारोगा और थानेदार को समय पूर्व विवेचना निस्तारण का निर्देश दिया गया है।

इन थानों में लंबित हैं इतने मामले

थाना लंबित मामले

कोतवाली सदर - 128

निचलौल - 92

फरेंदा - 73

घुघली - 59

श्यामदेउरवा - 47

पनियरा - 54

पुरंदरपुर - 31

बृजमनगंज - 34

कोल्हुई - 38

नौतनवा - 53

सोनौली - 33

परसामलिक - 18

बरगदवा - 13

कोठीभार - 63

ठूठीबारी - 32

चौक - 20

सोहगीबरवा - 01

सिदुरिया - 06

महिला थाना - 10


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