गेंदा फूल की खेती ने खोली सनी की समृद्धि की राह
मेंहदावल निवासी रिश्तेदार शारदा चौधरी के यहां फूलों की खेती देख वह काफी प्रभावित हुआ और पिता का हाथ बंटाने की सोच के साथ उसने फूलों की खेती में हाथ आजमाया। जयपुरिया इंटर कालेज के इंटर के इस छात्र को खेती के इस नए प्रयोग को लेकर शुरुआती दौर में परेशानी भी हुई।
महराजगंज:
फूलों की खुशबू के साथ समृद्धि की राह तलाशने वाले इंटर के छात्र सनी चौधरी आज कइयों के लिए मिसाल हैं। पढ़ाई के साथ-साथ किसानी से लगाव की चाहत में गेंदा फूल की खेती कर अपनी जिदगी की बगिया संवार रहे हैं। इस काम में घर परिवार के सदस्यों का उन्हें खूब साथ मिलता है। मुनाफा दिखा तो अब आसपास के लोग भी इनसे फूलों की खेती का गुण सीखने आ रहे हैं। इसकी खेती के लिए युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं। फरेंदा विकास खंड के फरेंदा खुर्द के टोला हरैयापुर निवासी राजकुमार गांव में ही छोटी सी चाय की दुकान चलाते हैं। घर की आर्थिक स्थिति को लेकर उनका बड़ा बेटा सनी काफी चितित रहता था।
मेंहदावल निवासी रिश्तेदार शारदा चौधरी के यहां फूलों की खेती देख वह काफी प्रभावित हुआ और पिता का हाथ बंटाने की सोच के साथ उसने फूलों की खेती में हाथ आजमाया। जयपुरिया इंटर कालेज के इंटर के इस छात्र को खेती के इस नए प्रयोग को लेकर शुरुआती दौर में परेशानी भी हुई। लोगों ने उपहास भी बनाया, लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं हारी। पढ़ाई के साथ-साथ लगातार मेहनत के बाद आखिर में सफलता हाथ लगी। फूल की खेती में ज्यादा मुनाफा
तीन वर्ष से सनी गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। बताते हैं कि फूल की खेती छोटे किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। वह 2000 पौधा बनारस से लाए थे। जिसे 30 डिसमिल भूमि में लगाया है। लागत लगभग 15000 रुपये आती है। एक वर्ष में दो बार फरवरी- जुलाई और सितंबर से जनवरी तक लगाया जाता है। लगभग 25000 का मुनाफा हो जाता है। त्योहार के साथ-साथ लगन व अन्य आयोजनों में फूल की विशेष मांग रहती है। व्यापारी खेत से ही फूल खरीद कर ले जाते हैं। अब वह वृहद पैमाने पर इसकी खेती की योजना बना रहे हैं। इनके साथ अन्य गांव के सूरज सैनी, मनोज कुमार व कमलेश ने भी फूल की खेती की शुरुआत की है।