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1970 में शुरू हुआ था सिसवा में दुर्गा पूजा महोत्सव

महराजगंज सिसवा में 1970 में पहली बार दुर्गा पूजा ई-सिसवा में 1970 में पहली बार दुर्गा पूजा ई-स्टेट के शिव कुमार सिंह के प्रयास से चार स्थानों पर प्रतिमा स्थापित कर प्रारम्भ किया गया। डोल मेला में प्रतिमाओं के आगे-आगे अखाड़ा खेला जाता था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 12:13 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 06:24 AM (IST)
1970 में शुरू हुआ था सिसवा में दुर्गा पूजा महोत्सव
1970 में शुरू हुआ था सिसवा में दुर्गा पूजा महोत्सव

महराजगंज: सिसवा में 1970 में पहली बार दुर्गा पूजा ई-स्टेट के शिव कुमार सिंह के प्रयास से चार स्थानों पर प्रतिमा स्थापित कर प्रारम्भ किया गया। डोल मेला में प्रतिमाओं के आगे-आगे अखाड़ा खेला जाता था। नगर पंचायत अध्यक्ष रहे स्व. शारदा प्रसाद जायसवाल को डोल मेला की जिम्मेवारी सौंपी गई। नागरिकों ने सफेद टी शर्ट,सफेद हाफ पैंट,इसी रंग के जूता,मोजा को पहन कर विसर्जन डोल मेला में प्रतिभाग किया और निर्णय लिया कि दशहरा को प्रतिमाओं का विसर्जन न कर एकादशी को किया जाएगा । डोल में श्री राम जानकी मंदिर की प्रतिमा सबसे आगे व स्टेट चौक प्राइमरी पाठशाला की प्रतिमा पीछे रहती थी जो आज भी बरकरार है। 971 में सायर माई स्थान , काली मंदिर, दुर्गा मंदिर पर प्रतिमा स्थापना के साथ संख्या बढ़ती गई। कस्बा में ढाई दर्जन से ऊपर है।

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फोटो: 29 एमआरजे: 35

परिचय: उमाशंकर सोनी

श्रीराम जानकी मंदिर दुर्गा पूजा समिति के महामंत्री उमा शंकर सोनी ने बताया कि डोल मेला में उनकी प्रतिमा के साथ हाथी, घोड़ा, ढोल ताशा परम्परा का निर्वहन आज भी किया जाता है।

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परिचय: रामेश्वर जायसवाल

लोकायन दुर्गा पूजा सेवा समिति पुरानी पुलिस चौकी के अध्यक्ष रामेश्वर जायसवाल ने बताया कि पूर्वजों द्वारा डाली गई नींव आज भी मजबूती के साथ खड़ी है।

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परिचय: अरूण पांडेय

दुर्गा पूजा सेवा समिति रोडवेज बस स्टैंड के संरक्षक अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पंडाल , गुफा में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का बीड़ा उठाया जाता है।

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परिचय: रोशन मद्धेशिया

श्री बाल दुर्गा पूजा सेवा समिति दूरभाष केंद्र ने बताया कि समिति विगत कई वर्षों से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगो को जागरूक कर रही है।


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