कोरोना को जीतने के लिए आत्मविश्वास जरूरी
सकारात्मक सोच व दवाओं के इस्तेमाल से 16 दिन में कोरोना से जंग जीत ली है। सुबह गर्म पानी में नींबू डालकर पीने के साथ ही काढ़ा का प्रयोग किया। कोविड-19 गाइड लाइन का पालन किया। खानपान पर विशेष ध्यान दिया। बहुत जल्दी कोरोना को मात दे दिया और परिवार में इसके संक्रमण को फैलने भी नहीं दिया।
महराजगंज: कोरोना को जीतने के लिए सबसे जरूरी अपना आत्मविश्वास है। आत्मविश्वास की कमी होने पर ही कोरोना हावी होगा। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन, चिकित्सक की सलाह आदि से भी कोरोना से जीता जा सकता है। घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखना है। नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है।
सकारात्मक सोच व दवाओं के इस्तेमाल से 16 दिन में कोरोना से जंग जीत ली है। सुबह गर्म पानी में नींबू डालकर पीने के साथ ही काढ़ा का प्रयोग किया। कोविड-19 गाइड लाइन का पालन किया। खानपान पर विशेष ध्यान दिया। बहुत जल्दी कोरोना को मात दे दिया और परिवार में इसके संक्रमण को फैलने भी नहीं दिया।
मनोज जायसवाल, फरेंदा
फरेंदा कस्बा निवासी लक्ष्मीनरायन शुक्ला ने कोविड-19 का पालन करते हुए 19 दिन में कोरोना से जीत हासिल कर लिया। है। रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद वह काफी चितित हो गए थे। लोगों की मौत की खबर सुनकर मन में डर बैठ गया था, लेकिन चिकित्सक की सलाह पर अपनी सोच को पाजिटिव रखा, जिससे काफी हिम्मत मिली और उन्होंने कोरोना के भय को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। सुबह शाम नेबुलाइजर, गर्म पानी, नीबू, मास्क, पहनना आदि का उपयोग किया। सुबह शाम व्यायाम भी काफी मददगार साबित हुआ। कोरोना भयभीत लोगों को ही नुकसान पहुंच रहा है।
लक्ष्मीनरायन शुक्ला, आनंदनगर
सांस प्रक्रिया को नियंत्रित करने में सहायक है योग
योग मनुष्य को अनुशासनात्मक ढंग से जीवन जीने की एक वैज्ञानिक कला है। योग से हम शरीर की तमाम बीमारियों से मुक्ति पा जाते हैं। योग के आसनों में सर्वांगासन से रक्त शुद्धिकरण और परिचालन में लाभदायक, श्वास प्रक्रिया को नियंत्रित करने में सहायक है।
यह बातें श्याम मंदिर के पुजारी राधे-राधे रमेश शर्मा (योग साधक) ने कही। उन्होंने बताया कि सर्वांगासन करने के लिए सर्वप्रथम एक शांत साफ और समतल स्थान पर आप पीठ के बल लेटें। अब धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और हाथों से कमर को पकड़ते हुए शरीर को संतुलित करें। पैरों और शरीर के निचले भाग को उठाते हुए सर्वांगासन में आ जाएं। कुछ समय इसी स्थिति में रहें। सामान्य सांस लेते हुए इसी स्थिति में रहें। फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। यह एक क्रम सर्वांगासन का पूरा हुआ। यह आसन आठ से दस बार दोहराएं। सर्वांगासन तीव्र ज्वर रक्तचाप के रोगी, कूल्हे या घुटनों के जोड़ों में या ग्रीवा रीढ़ की समस्या से ग्रसित लोगों को नहीं करना चाहिए। प्रारंभिक अवस्था में यह आसन विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में ही करें ।