कोरोना से एक की मौत, 11 मिले संक्रमित
जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि आमजन कोरोना को लेकर लापरवाही न बरतें। घर से बाहर निकलते मास्क जरूर लगाएं। हाथों को साबुन से धुलते रहें। बाइक चालक और उस पर बैठे सवारी दोनों हर हाल में मास्क लगाएं।
महराजगंज: कोरोना मरीजों के मिलने और मौत की संख्या में उतार-चढ़ाव जारी है। बुधवार को एक मरीज की मौत और 11 नए कोरोना संक्रमित के मिलने की रिपोर्ट आई है। जिले में अब तक कुल 5639 कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। फरेंदा के वार्ड नंबर 11 निवासी 72 वर्षीय लालचंद जायसवाल की मौत हो गई है। इस प्रकार कोरोना से मरने वालों की संख्या 88 हो गई है। 24 घंटे में 10 मरीजों के सेहत में सुधार होने के साथ कुल 5437 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।
जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि आमजन कोरोना को लेकर लापरवाही न बरतें। घर से बाहर निकलते मास्क जरूर लगाएं। हाथों को साबुन से धुलते रहें। बाइक चालक और उस पर बैठे सवारी दोनों हर हाल में मास्क लगाएं। कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
संभावित एचआइवी पीड़ितों को चिह्नित करें
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय सभागार में बैठक की गई। इस दौरान समूहों से चिह्नित एचआइवी मरीजों की निगरानी के लिए महराजगंज में कम्युनिटी एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष जिला क्षय रोग अधिकारी डा. विवेक श्रीवास्तव, सचिव डा. एवी त्रिपाठी सहित 17 सदस्यों को नामित किया गया।
अध्यक्ष जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि जिले में समूह में कार्य करने वाले ऐसे लोग जिनमें एचआइवी की संभावना रहती है। उनके चिह्निकरण का कार्य करना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के दिशा निर्देश के क्रम में सृष्टि सेवा संस्थान को जिम्मेदारी दी गई है। संबंधित कार्यकर्ता संभावित एचआइवी पीड़ितों को चिह्नित कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। सचिव डा. त्रिपाठी ने कहा कि हाई रिस्क ग्रुप में कई ट्रक चालक भी शामिल होते है। जो गलत संपर्क में आकर एचआइवी की चपेट में आ जाते हैं। जब एचआइवी पीड़ित किसी ग्रुप के साथ एक ही इंजेक्शन के साथ नशा करता है, तो उससे भी बीमारी दूसरों में फैलने की संभावना रहती है।
प्रोजेक्ट मैनेजर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि एडवाइजरी बोर्ड में अध्यक्ष, सचिव के अलावा सदस्य के रूप में आइसीटी के छह परामर्शदाता, योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर, कम्युनिटी प्रतिनिधि के छह प्रतिनिधि तथा तीन पीयर एजुकेटर को शामिल किया गया है। यह सदस्य समूहों के संभावित एचआइवी पीड़ितों को चिह्नित करने में सहयोग करेंगे। मरीजों की पूरी हिस्ट्री की तहकीकात कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे। कार्यक्रम अधिकारी विशंभर मिश्रा ने इसके क्रियान्वयन से लेकर रिपोर्टिंग तक की जानकारी दी। हरिशंकर त्रिपाठी, मांधाता, अखिलेश पांडेय, कन्हैया, विजया पाठक, मृदुला तिवारी आदि उपस्थित रहे।