पुत्रों की लंबी उम्र के लिए माताएं आज रखेंगी जीवित्पुत्रिका व्रत
प्रदोष काल व्यापिनी अष्टमी को जीमूतवाहन भगवान की होगी पूजा
महराजगंज: पुत्रों की लंबी आयु के लिए माताएं गुरुवार को जीवित्पुत्रिका व्रत रखकर भगवान की पूजा अर्चना करेंगी। इसके लिए माताओं ने बुधवार को खूब खरीदारी की। नगर के विभिन्न चौक-चौराहों पर बुधवार को जिउतिया खरीदने के लिए माताओं की भीड़ लगी रही।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पुत्र के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत रखा जाता है। यह व्रत विशेष तौर पर महिलाएं ही रखती हैं। इस वर्ष यह व्रत 10 सितंबर को है। अपने पुत्र-पौत्रों की लंबी आयु एवं बेहतर स्वास्थ्य की कामना से महिलाओं को इस व्रत का अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए। अखिल भारतीय विद्वत महासभा के उपाध्यक्ष व आर्यावर्त अंक ज्योतिष विज्ञान के संस्थापक आचार्य लोकनाथ तिवारी ने बताया कि गुरुवार को व्रत रखने वाली माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। शुक्रवार को पारण के साथ व्रत पूरा होगा। उपवास के दौरान महिलाएं शाम में जीवित्पुत्रिका व्रत कथा का श्रवण करती हैं। इस व्रत के पीछे कई कथाएं हैं। एक के अनुसार प्राचीन समय में जंगल में चील एवं सियारिन दो मित्र थीं। दोनों ने जीवित्पुत्रिका व्रत रखा। चील ने निष्ठा से व्रत रखा, जबकि सियारिन ने चुपके से व्रत तोड़ दिया। चील के सभी पुत्र स्वस्थ एवं दीर्घायु हुए जबकि सियारिन के बच्चों की कुछ ही दिन बाद मौत होने लगी। इस व्रत के दिन चील एवं सियारिन को स्मरण करना इस कथा की पुष्टि होती है। एक कथा यह भी है कि महाभारत युद्ध के पश्चात अश्वत्थामा ने द्रौपदी के समस्त पुत्रों का वध करने के पश्चात उत्तरा के गर्भ पर अमोघ शस्त्र का प्रयोग कर दिया। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा करते हुए परीक्षित को जीवनदान दिया। इस जीवनदान के चलते ही इस व्रत का नाम जीवित्पुत्रिका व्रत पड़ा।