तेंदुए ने एक और बछड़े को बनाया शिकार, दहशत
बछड़े के चिल्लाने की आवाज सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हुए। ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो पशु बाड़े के समीप गन्ने के खेत के पास आहट सुनाई दी। उस तरफ लोग दौड़े तो तेंदुआ भागता नजर आया।
महराजगंज: कोठीभार थाना क्षेत्र के आठ गांवों में तेंदुए के आतंक से दहशत है। ग्रामीण तेंदुए के आतंक से न तो रात को चैन से सो पा रहे हैं, और न ही अपने खेतों में काम कर पा रहे हैं। एक माह के भीतर तेंदुआ दो बछड़ों को शिकार बना चुका है। ग्राम पैकौली कला के बेलवा टोले पर सोमवार की रात में तेंदुए ने ग्रामीण भुटेली चौधरी के पशुबाड़े में बांधे गए बछड़े को शिकार बना लिया।
बछड़े के चिल्लाने की आवाज सुनकर गांव के लोग इकट्ठा हुए। ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो पशु बाड़े के समीप गन्ने के खेत के पास आहट सुनाई दी। उस तरफ लोग दौड़े तो तेंदुआ भागता नजर आया। ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो तेंदुआ खेत के किनारे बछड़े को मृत अवस्था में छोड़कर भाग चुका था।
निचलौल वन रेंज अंतर्गत बसुली व कपसी के जंगलों में अपना ठौर बनाने वाला तेंदुए की सक्रियता बड़हरा चरगहा, बसुली, पैकौली कला, गुरली रामगढ़वा व कोल्हुआ गांव सहित जंगल के किनारे बसे आधा दर्जन गांवों के आसपास बताई जा रही है। एक माह पूर्व बड़हरा चरगहा गांव के समीप तेंदुए ने बछड़े को शिकार बनाया था। ग्रामीणों का कहना है कि उसके हमले की हमेशा आशंका बनी रहती है। वन विभाग को उसकी निगरानी का इंतजाम करना चाहिए। इस संबंध में वन विभाग से कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई ठोस कार्ययोजना विभाग की ओर से नहीं बन सकी है। मकसूदन, अमरनाथ आदि ने बताया कि तेंदुआ रात के समय अक्सर दिखाई देता है। एसडीओ वन घनश्याम राय ने बताया कि तेंदुए को रिहायशी इलाके से दूर भगाने की व्यवस्था की जाएगी।