महराजगंज में चुनौती बने हिस्ट्रीशीटर, खंगाली जा रही कुंडली
नेपाल की खुली सीमा के चलते पुलिस ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। सामान्य तौर पर यहां के अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद नेपाल में बनाए गए अपने ठिकानों पर पहुंच जाते हैं। नेपाल के अपराधी भी वहां की पुलिस से बचने के लिए महराजगंज की सीमा में शरण लेते हैं।
महराजगंज: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिले के 805 हिस्ट्रीशीटर पुलिस के लिए सिरदर्द बने हैं। नए सिरे से उनकी कुंडली तैयार की जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, इनकी निगरानी भी बढ़ा दी गई है। एसपी प्रदीप गुप्ता के निर्देश पर इन सभी का सत्यापन कराया गया है। हाल में जिले के सभी 19 थाना क्षेत्रों में कराए गए सत्यापन में 634 हिस्ट्रीशीटर जिले में मौजूद मिले, जबकि 60 महराजगंज जेल में बंद हैं। 12 की मृत्यु हो चुकी है।
नेपाल की खुली सीमा के चलते पुलिस ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। सामान्य तौर पर यहां के अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद नेपाल में बनाए गए अपने ठिकानों पर पहुंच जाते हैं। नेपाल के अपराधी भी वहां की पुलिस से बचने के लिए महराजगंज की सीमा में शरण लेते हैं। विधानसभा चुनाव में इनके मंसूबे कामयाब न हों , इसके लिए नेपाल पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। 47 का पता नहीं
पुलिस के सत्यापन में 47 हिस्ट्रीशीटरों का पता नहीं चल रहा है। वह कहां रह रहे हैं , उनकी लोकेशन पुलिस जानने के प्रयास में जुटी है। इसके लिए हिस्ट्रीशीटरों के स्वजन को भी उनके पते की तस्दीक करने को कहा गया है। जिनकी जानकारी नहीं मिल पा रही है, सर्विलांस के जरिये उन तक पहुंचने का प्रयास पुलिस कर रही है। जिले से बाहर रह रहे 52 हिस्ट्रीशीटर
महराजगंज जिले के 52 हिस्ट्रीशीटर ऐसे हैं जो दूसरे जनपदों में रह रहे हैं। इनमें से कुछ अपनी रोजी-रोटी में लगे हैं, तो कुछ अब भी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। इनकी गतिविधियों की निगरानी के लिए संबंधित थानों की मदद ली जा रही है। चुनाव को देखते हुए जिले के सभी थाना क्षेत्रों में हिस्ट्रीशीटरों का सत्यापन कराया गया है। इन सभी को पाबंद कराया जाएगा। उनकी निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रदीप गुप्ता, एसपी, महराजगंज