हरियाली के कारोबार से गांव में आई बहार
बाहर काम के लिए कम जाते हैं गांव के नौजवान -दर्जनों किसानों ने विभिन्न बाग लगाकर बनाई अचल संपति
महराजगंज : नगर पंचायत निचलौल से करीब डेढ़ किलोमीटर पूरब स्थित बैदौली गांव नर्सरी व बागवानी के कारोबार में एक मुकाम हासिल कर चुका है। गांव के 80 फीसद से अधिक आबादी की जीविका सब्जी एवं पौधा नर्सरी पर ही निर्भर है। मेहनतकश कई किसानों ने खेती के बल पर ही बच्चों की ऊंची शिक्षा दिला रहे हैं। जमीन, ट्रैक्टर - ट्राली व पंपिंगसेट आदि भी खरीद लिए हैं। गांव की इस संपन्नता के पीछे न तो विदेशी पैसा है और न सरकारी सहायता। बल्कि बलुई- दोमट व तराई की इस मिट्टी में किसानों के पसीने पर की गई बागवानी से ग्रामीण मालामाल हो रहे हैं।
उत्तर पूरब दो दिशाओं से जंगल से घिरे निचलौल ब्लाक के बैदौली गांव के किसान अपने बूते बहुत कुछ कर गुजरने की इबारत लिख चुके हैं। गांव के समृद्ध किसान लल्लन करीब 32 वर्ष से पौधा नर्सरी का व्यापार शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। गांव के हरिहर तीन एकड़ भूमि में सब्जी की खेती कर सालाना करीब दो लाख कमा रहे हैं। नर्सरी संचालक सोनू कुशवाहा ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग नर्सरी के बदौलत सफलता की कहानी कह रहे हैं।
यहां के पौधे अपने जनपद के अलावा कुशीनगर, देवरिया, बिहार सहित नेपाल भेजे जाते हैं।।
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सागौन का बाग लगाकर बनाई संपत्ति गांव के किसान नर्सरी के साथ-साथ बाग लगाने में भी आगे हैं। प्रभुदयाल चौहान ने अपने ढाई एकड़ भूमि में 500 सागौन, रामवृक्ष ने 30 डिसमिल में 250 सागौन, विद्यासागर ने एक एकड़ तीस डिसमिल में 300 पौधे , शेरसिंह थापा ने 25 डिसमिल में 300 पौधों का बाग लगाकर संपत्ति बनाई है।
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बैदौली गांव के किसान पौधारोपण कार्यक्रम अथवा अन्य पर्यावरण संरक्षण में लगे रहते हैं। पिछले वर्ष वृहद पौधारोपण कार्यक्रम में भी इन किसानों ने प्रशासन को पौधों की मदद की थी ।
पुष्प कुमार के , डीएफओ , सोहगरबरवा वन्य जीव प्रभाग महराजगंज