Move to Jagran APP

नेपाल की सीमा खुलने के इंतजार में फ्रांसीसी परिवार

लॉकडाउन के कारण कोल्हुआ के शिवमंदिर परिसर में ठहरा है परिवार

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 10:00 AM (IST)
नेपाल की सीमा खुलने के इंतजार में फ्रांसीसी परिवार
नेपाल की सीमा खुलने के इंतजार में फ्रांसीसी परिवार

महराजगंज: विदेश भ्रमण पर निकले फ्रांसीसी परिवार को नेपाल की सीमा खुलने का इंतजार है। लॉकडाउन के कारण यह परिवार 21 मार्च से जिले के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा में शिव मंदिर परिसर में प्रवास कर रहा है। उनको उम्मीद है कि लॉकडाउन खत्म होने के साथ जिंदगी जल्दी ही पटरी पर लौट आएगी और भारत-नेपाल के बीच आवाजाही सामान्य होने के साथ ही उनकी आगे की यात्रा शुरू हो सकेगी। फिलहाल नेपाल में अभी 14 जून तक लॉकडाउन है।

loksabha election banner

लगभग ढाई माह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा में मिल रहे प्यार-दुलार के कायल हो चुके इस परिवार के मुखिया पैट्रीस पैलारे कहते हैं कि भारत की बहुत याद आएगी। इसे भूलना मुश्किल है, उन्हें नहीं लगता कि यहां के ग्रामीणों का जो प्यार मिला है वह किसी अन्य देश में भी मिल सकेगा।

पत्नी वर्जिनी, बेटियों ओफली, लोला व बेटे टाम के साथ पैट्रीस पैलारे फरवरी में फ्रांस के गुलाबी शहर टूलोज से रवाना हुए थे। पाकिस्तान होते हुए वह भारत पहुंचे। यहां से नेपाल होते हुए अन्य देशों में जाना था। नेपाल जाने के लिए 21 मार्च को वह भारत की सोनौली सीमा पर पहुंचे तो सील हो चुकी थी। ऐसे में फ्रांसीसी कुनबा कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा पहुंचा और ठहरने के लिए शिव मंदिर परिसर को चुना। गांव में पहले तो भाषा संकट के चलते कुछ दिन परेशानी हुई लेकिन जल्दी ही यह कुनबा ग्रामीणों के रंग में रच-बस गया। पहले इशारों में बात होती थी। अब ग्रामीणों से वह कामचलाऊ हिदी व भोजपुरी में संवाद करने लगे हैं। लगाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोला व ओफली के मुंह से जैसे ही 'इंडिया की बहुत याद आएगी' शब्द निकलता है, ग्रामीण भावुक हो जाते हैं। पैट्रीस पैलारे पेशे से मोटर मेकैनिक और पत्‍‌नी वर्जिनी स्वास्थ्य कर्मी हैं। पसंद आ रहा गन्ने का जूस व भूजा

फ्रासीसी परिवार को महराजगंज का का देसी खान-पान भी पसंद आ गया है। मंदिर के पुजारी बाबा हरिदास के साथ दोनों वक्त यह लोग मंदिर परिसर में ही भोजन करते हैं। दाल, चावल व साग इनका पंसदीदा भोजन बन गया है। गन्ने का रस व चावल का भूजा भी खूब पसंद आ रहा है। वीजा अवधि बढ़ाने को किया है आवेदन

फ्रासीसी परिवार के भारत में रुकने की वीजा अवधि बीते 25 मार्च को समाप्त हो चुकी है। पैट्रीस पैलारे ने बताया कि फ्रांसीसी दूतावास के माध्यम से उन्होंने वीजा अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इसके लिए वह लगातार नई दिल्ली स्थित दूतावास के संपर्क में हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.