साधन सहकारी समितियों पर नहीं मिल रही खाद, किसान परेशान
किसान प्राइवेट दुकानों से औने-पौने दामों पर कर रहे खरीदारी
महराजगंज: विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से सहकारिता आंदोलन भटकता दिखाई पड़ रहा है। सिचाई के बाद गेहूं में खाद की आवश्यकता शुरू होने के बाद भी क्षेत्र के आधे से अधिक साधन सहकारी समितियों पर उर्वरकों का टोटा है। सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए क्षेत्र में साधन सहकारी समिति की स्थापना की गई थी। इसके माध्यम से किसानों को फसली ऋण की तरह नकद व उर्वरक देने का उद्देश्य था। काफी दिनों तक उतार-चढ़ाव के साथ सहकारिता आंदोलन किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता रहा। हाल के वर्षों में सहकारी समितियां दम तोड़ती दिखाई पड़ रही हैं। किसानों को खाद व बीज उपलब्ध कराने वाली समितियां आज पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं। स्थिति यह है कि समितियों पर अभी तक उर्वरक नहीं पहुंच पाया है। जबकि किसान गेहूं की खेती में खाद डालने में जुट गए हैं। इसके बाद भी उर्वरक न पहुंचने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के साधन सहकारी बेलभरिया, करमही, देउरवा आदि जगहों पर अभी भी खाद का कही पता नहीं है। जिससे गेहूं सिचाई के बाद खाद की कमी बताई जा रही है। किसान प्राइवेट दुकानों से खाद खरीद कर ले जा रहे है। जिससे किसानों को खाद का दाम भी अधिक देना पड़ रहा है। क्षेत्र के किसान राजेश चौधरी, सत्यनरायण प्रजापति, उमर खान, जयदेव तिवारी, राहुल मिश्रा, सुनील रावत आदि लोगो ने खाद की समस्या दूर करने की मांग की है। अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल ने बताया कि किसानों को हर हाल में खाद उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है।