जाम की समस्या को नासूर बना रहा अतिक्रमण
महराजगंज: भारत-नेपाल सीमा का प्रमुख प्रवेश द्वार माना जाने वाला सोनौली कस्बा जाम की समस्या से तो जुझ
महराजगंज: भारत-नेपाल सीमा का प्रमुख प्रवेश द्वार माना जाने वाला सोनौली कस्बा जाम की समस्या से तो जुझ ही रहा है, साथ ही मार्ग के फुटपाथों पर हो रहे अतिक्रमण ने समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। रोजाना हजारों पर्यटक देश-विदेश से सोनौली सीमा के रास्ते आते-जाते हैं, जिससे विदेशों में भी भारत की छवि धूमिल हो रही है। फुटपाथ पर सज रही दुकानें राहगीरों के लिए खतरे के सबब बनते जा रहे हैं। अतिक्रमणकारियों की मनमानी से राहगीरों के साथ-साथ कस्बेवासियों का भी सड़क पर चलना जोखिम भरा सफर हो गया है। आलम यह है कि मार्ग पर वाहनों का कब्जा है, तो मार्ग के फुटपाथ पर चाट, खोमचे, पकौड़े, फल आदि के ठेलों की दुकानें सजती हैं। जिससे राहगीरों के साथ-साथ स्कूली बच्चों को भी जाम के झाम से जूझना पड़ता है। सोनौली के बाबा लाज के आसपास, रामजानकी मंदिर चौक एवं दो नंबर गली चौक के पास फुटपाथ का अस्तित्व ही नहीं बचा है। इधर हाल ही में शुरू हुई पाíकंग वसूली से भी आवागमन की रफ्तार सुस्त हो गई है। जिससे जाम की समस्या बढ़ गई है। समाजसेवी नंदलाल जायसवाल, सुरेश मणि त्रिपाठी, दीपक त्रिपाठी, ¨रकू जायसवाल, धर्मेंद्र मोदनवाल, संजय वर्मा, दिलीप, इब्राहिम, संजीव जायसवाल, रवि वर्मा, राहुल चौरसिया, उस्मान, बंटी, अनिकेत, हेमंत चौधरी, सुभाष जायसवाल, विजय चौरसिया, शंकर, संदीप रौनियार, विक्की ¨सह, गोल्डी ¨सह, जितेंद्र जायसवाल व रवि जायसवाल ने अतिक्रमण हटाने की मांग किया है।