थमने का नाम नहीं ले रहा अवैध बालू खनन
महराजगंज: गंडक नदी पर बालू माफियाओं का पूरी तरह कब्•ा है। हर दो किलोमीटर पर प्रतिदिन अवैद्य खनन बेखौ
महराजगंज: गंडक नदी पर बालू माफियाओं का पूरी तरह कब्•ा है। हर दो किलोमीटर पर प्रतिदिन अवैद्य खनन बेखौफ जारी है। इस अवैध कारोबार से जहां प्रतिदिन माफिया लाखों का कारोबार कर मालामाल हो रहे हैं , वहीं दूसरी तरफ से¨टग के खेल में जिम्मेदार भी मलाई काट रहें हैं। यह खेल कोई नया नहीं है , बल्कि प्रशासन के नाक के नीचे महीनों से चल रहा है। शिकायत के बावजूद भी न तो प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में दिलचस्पी ले रहा है और न ही कभी किसी माफिया पर कार्रवाई ही नजर आई। कुशीनगर व महराजगंज को विभाजित करने वाली गण्डक नदी के किनारे खदान से बालू खनन की होड़ सी मची है । अंधाधुन खनन से नदी स्वरुप में बदलाव के कारण जहां किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में बिलीन हो गई, वहीं नदी के रुख बदलने से कई गांवों का अस्तित्व खतरें के जद में हैं। ग्रामीणों ने कई बार इसके बिरुद्ध मोर्चा भी खोला , मगर उनकी आवाज जिम्मेदारों तक पहुंच कर दब गई। बालू की किल्लत के कारण मंहगी होती बालू आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही थी जिसके ²ष्टिगत सरकार ने बालू खनन हेतु एक मानक तय करते हुए निर्धारित मानक के अनुसार खदान से बालू निकालने की स्वीकृति दे दी तथा खनन करने हेतु समय सीमा का निर्धारण भी किया गया। मगर खनन माफिया सारे नियम कानून ताख पर रख समय सीमा समाप्त होने के बावजूद भी महीनों से अवैध खनन करा रहे हैं जो कि वैध रुप से खनन कराने वालों के लिए भी सरदर्द बना हैं।घुघली बुजुर्ग में समय सीमा समाप्त होने के बाद लगभग एक माह से अवैध खनन हो रहा है कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक दर्ज करायी गई मगर एक पखवारा बितने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा न तो अवैध खनन पर अंकुश लगाया गया और न ही कोई कार्यवाही हुई । जिसको लेकर जहां नदी के तटवर्ती इलाकों के लोगों में आक्रोश व्?याप्?त है , वहीं लोग जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्?याय ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं था, शीघ्र ही जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।