जिम्मेदारी का हो आभास, तो मिटे तालाबों की प्यास
महराजगंज: तालाबों को लेकर ग्रामीण व जिम्मेदार दोनों ही लापरवाह बने हैं। पहले जहां गांव के तालाब में
महराजगंज: तालाबों को लेकर ग्रामीण व जिम्मेदार दोनों ही लापरवाह बने हैं। पहले जहां गांव के तालाब में पानी का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए सभी लोग मिल-जुल कर प्रयास करते थे, वहीं वर्तमान समय में कोई अकेला व्यक्ति भी तालाबों की बेहतरी के बारे में नहीं सोच रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में तालाबों का वजूद खत्म होता जा रहा है। यदि समय रहते तालाबों को संरक्षित करने का प्रयास प्रारंभ नहीं हुआ तो आने वाले समय में तालाब विलुप्त हो जाएंगे। जल संरक्षण का माध्यम माने जाने वाले व तालाबों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। जिम्मेदारों द्वारा ध्यान न दिए जाने से पनियरा ब्लाक के गिरिगिटिया सीवान में स्थित तालाब बदहाल हो गया है। गर्मी के इस मौसम में यदि तालाबों व पोखरों में जल की उपलब्धता रहती तो वह आमजन के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी लाभदायक होता। गांव में स्थित तालाब में जल की उपलब्धता सुनिश्चित न कराए जाने से सभी की परेशानी बढ़ रही है। तालाबों को संरक्षित करने की दिशा में ग्राम स्तर पर विशेष पहल की आवश्यकता है। ग्रामीण कल्लू ने कहा कि तालाबों को बेहतर ढंग से रखने के लिए उनका सुंदरीकरण कराया जाए। तालाब कृषि कार्य के साथ-साथ समस्या के समय भी सभी के काम आते हैं, उसको बचाने का कार्य करना होगा। ग्रामीण रामचंद्र ने कहा कि तालाबों के बचाने के लिए सभी को मिलजुल कर कार्य करने की जरूरत है। सभी जिम्मेदार यदि तालाबों पर ध्यान दें तो बात बन जाएगी। तालाबों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सभी को प्रयास करना होगा।